वर्तमान समय में यह अपराध बहुत ही तेजी से फैल रहा है। प्रोफेशनल व्यक्ति हो या आम व्यक्ति सभी इस अपराध का शिकार हो रहे हैं। हम देखते हैं कि बहुत से फर्जी ऐप हैं जिसमे लड़के हो या लड़कियां दोस्ती या संबंध बनाने के लिए एप को डाउनलोड कर लेते हैं और एक बार वीडियो कॉल पर बात होने के बाद उनकी अश्लील फ़ोटो बनाकर या वीडियो बनाकर उन्हें परेशान किया जाता है। बहुत से लोगो को जानकारी नहीं होती है कि ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कहाँ शिकायत की जाती है आज हम आपको अपने लेख में इस अपराध के बारे में जानकारी देते हैं जानिए।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66(ङ) की परिभाषा:-
कोई भी व्यक्ति जानबूझकर कर किसी व्यक्ति की सहमति के बिना किसी स्त्री, पुरूष के गुप्तांग (नग्न फ़ोटो, अंत वस्त्र, स्त्री स्तन, जांघ आदि) का चित्र या अश्लील वीडियो बनाता है या उसे जानबूझकर कर सेंड करता है या ऐसी फ़ोटो, वीडियो को मोबाईल,कम्प्यूटर में सेव रखता है जिसके कारण स्त्री पुरूष की एकान्तता का उल्लंघन होता है ऐसा करने वाला व्यक्ति उपर्युक्त धारा के अंतर्गत दण्डित होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66(ङ) के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध समझोता योग्य है उसी न्यायालय द्वारा जहाँ अपराध का विचारण है एवं यह संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध हैं। अधिनियम के अनुसार अपराध का इन्वेस्टिगेशन करने की शक्ति निरीक्षक (इंस्पेक्टर) की नीचे की पक्ति के पुलिस अधिकारी को नहीं हैं। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या दो लाख रुपए का जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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