जबलपुर। ग्वालियर जिले की सीमा में नेशनल हाईवे क्रमांक 552 पर सड़क निर्माण का सुपरविजन करने के लिए अयोग्य टीम लीडर की नियुक्ति हेतु अनुमोदन किए जाने के मामले में जांच के दौरान दोषी पाए गए मुख्य अभियंता के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, यह जानने के लिए हाईकोर्ट ने शपथ पत्र पर जवाब प्रस्तुत करने के लिए शासन को नोटिस दिया है।
याचिकाकर्ता गोविंदपुरा भोपाल निवासी पत्रकार नीरज निगम की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्हाेंने दलील दी कि तत्कालीन मुख्य अभियंता जीपी कटारे ने निजी कंपनियों से मिलीभगत करके अयोग्य टीम लीडरों की नियुक्ति का अनुमोदन कर दिया। इस मामले की शिकायत पर अयोग्य व्यक्ति हटा दिए गए। साथ ही उनको काम पर रखने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। लेकिन नियुक्ति का अनुमोदन करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई।
इस मामले में पूर्व में सरकार ने जवाब के लिए समय लिया था लेकिन अब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किए गए। इस पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल ने महाधिवक्ता को जिम्मेदारी सौंपी कि वे तीन सप्ताह के भीतर शपथपत्र पर जवाब की प्रस्तुति सुनिश्चित कराएं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.