भोपाल। NMC- National Medical Commission (नेशनल मेडिकल कमीशन) ने विदेश से MBBS करने वाले स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। रूस और यूक्रेन में युद्ध और चीन में कोरोनावायरस के कारण यात्रियों पर लगे प्रतिबंध के कारण विदेश में पढ़ने वाले भारतीय विद्यार्थियों को यह रियायत दी जा रही है।
विदेश से एमबीबीएस करने के बाद फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जामिनेशन (FMGI) पास करने वालों को अब देश में इंटर्नशिप के लिए फीस नहीं देनी होगी, अब इन्हें भी इंडियन मेडिकल ग्रेजुएट के समान ही स्टाइपेंड मिलेगा। कमीशन के उप सचिव शंभू शरण कुमार ने शुक्रवार को यह आदेश जारी कर दिया है, साथ ही विदेश से पढ़कर आने वाले छात्रों के लिए इंटर्नशिप की 7.5% सीटें तय की गई हैं।
अब 18 नवंबर 2021 से पहले विदेश से MBBS करने वाले स्टूडेंट्स को भारत में आकर 1 साल की इंटर्नशिप करनी होगी, अब तक केवल दिल्ली में इंटर्नशिप फीस नहीं देनी पड़ती थी, वहीं राजस्थान तथा दक्षिण के राज्यों में इंटर्नशिप के लिए 2 से ₹500000 देने होते थे।
अब एनसीएफ ने साफ किया है कि स्टेट मेडिकल काउंसिल यह जांच लें कि इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने से पहले छात्र ने एफएमजीआई क्वालीफाई किया है या नहीं। एजुकेशन एक्सपोर्ट अतुल बाफना के मुताबिक 7.5% फॉरेन ग्रेजुएट के लिए रिजर्व करने से स्पर्धा बढ़ेगी जिन कॉलेजों में पहले इंटर्न सीटें खाली रह जाती थीं। अब वहां स्टूडेंट्स इंटर्नशिप के लिए जाएंगे। इससे खाली सीटों की समस्या समाप्त होगी। इससे अब इंटर्न के रूप में और ज्यादा डॉक्टर मिलेंगे। भारत की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया INDIA NATIONAL NEWS पर क्लिक करें.