भोपाल। Madhya Pradesh Board of Secondary Education द्वारा आयोजित कक्षा 10 हाई स्कूल एवं कक्षा 12 हाई सेकेंडरी स्कूल परीक्षाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया है। परीक्षा पैटर्न की तरह इस साल मूल्यांकन का पैटर्न भी बदल दिया गया है। 33% से कम और 90% से ज्यादा वाली उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा चेक किया जाएगा।
मूल्यांकन के लिए जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट बताया गया है कि यदि किसी विद्यार्थी के प्राप्तांक 90% से अधिक है तो उस उत्तर पुस्तिका को दोबारा चेक करने के लिए सीनियर और विशेषज्ञ शिक्षक के पास भेजा जाए। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ही टॉप में जगह मिल रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार चुनाव से पहले अपनी वैसी हालत नहीं करवाना चाहती जैसे कि बिहार में हुई थी। टॉप करने वाले स्टूडेंट्स पर सब की नजर होती है। उनकी प्रतिभा समाज में प्रदर्शित होनी चाहिए। 90 प्लस में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए।
अनऑफिशियल मैसेज- 33 और 75 के बीच में रखना है
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया मूल्यांकन के समय ऑफिशल गाइड लाइन से ज्यादा अनऑफिशियल मैसेज महत्वपूर्ण होते हैं। इस बार मैसेज आया है कि 33 और 75 के बीच में रखना है। यानी कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को पास करना है परंतु 75% से ज्यादा नंबर नहीं देना। यदि विद्यार्थी के नंबर 33 से कम और 75 से ज्यादा होते हैं तो मूल्यांकन करने वाला शिक्षक उस कॉपी को दोबारा चेक करें एवं यथासंभव कोशिश करेगी प्राप्तांक नियंत्रण रेखा के दायरे में रहे। इसका मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना के तहत 75% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का खर्चा सरकार को उठाना पड़ता है।
सरकारी खजाना खाली है। शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं के कारण योजनाएं बंद नहीं कर सकते इसलिए पिछले कुछ समय से अधिकारियों की एक फौज हितग्राहियों की संख्या कम करने के अभियान पर काम कर रही है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.