जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल कलेक्टर की उस कार्यवाही को अवैधानिक करार दिया है जिसके तहत उन्होंने दीपक केवट नाम के व्यक्ति को जिला बदर घोषित किया था। हाईकोर्ट ने कलेक्टर की कार्रवाई पर नकारात्मक टिप्पणी भी की है।
JABALPUR HIGH COURT- जिला बदर की फाइल पेंडिंग नहीं कर सकते
हाई कोर्ट ने साफ किया कि आवेदक के खिलाफ वर्ष 2019 में प्रक्रिया शुरू की गई, किंतु जिला बदर की कार्रवाई 2021 में की गई। जिला बदर की प्रक्रिया रोजमर्रा की नहीं है और उसकी कार्रवाई अनौपचारिक तरीके से नहीं अपनानी चाहिए। इस मत के साथ न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की एकलपीठ ने शहडोल जिला दंडाधिकारी द्वारा छह जुलाई, 2021 को दीपक केवट के खिलाफ जिला बदर का आदेश निरस्त कर दिया।
MP HIGH COURT NEWS- आरोपी के सुधर जाने के बाद कार्रवाई कर दी
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडेय, मनीष मेश्राम व अंचन पांडेय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि दीपक को मार्च 2021 को जिला बदर का नोटिस भेजा गया। उसकी ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि पिछले एक साल के भीतर कोई भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। उसके खिलाफ पूर्व में भी कोई गंभीर प्रकृति का मामला लंबित नहीं है। उन्होंने दलील दी कि जवाब पर विचार किए बिना और सुनवाई का मौका दिए बिना ही जिला दंडाधिकारी ने एसपी की 2019 की रिपोर्ट के आधार पर जिला बदर की कार्रवाई कर दी।
वहीं दूसरी ओर शासन की ओर से कहा गया कि आवेदक एक आदतन अपराधी है और वर्ष 2009 से उसके खिलाफ 11 प्रकरण पंजीबद्ध हैं। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने उक्त मत के साथ जिला दंडाधिकारी, कलेक्टर का आदेश निरस्त कर दिया। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.