जबलपुर। मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का बड़ा मामला सामने आया है। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। दावा किया गया है कि कार शोरूम, बैंक और ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर जैसी स्थापनाओं को दस्तावेजों में नर्सिंग होम बताकर, फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। हाई कोर्ट ने कुल 55 नर्सिंग कॉलेजों के बारे में नोटिस जारी करके जवाब मांग लिया है।
MP NEWS- 55 नर्सिंग कॉलेजों का नियम विरुद्ध संचालन
जनिहत याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश ला स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों 55 नर्सिंग कालेजों का संचालन चुनौती के योग्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि नर्सिंग कालेज हेतु आवश्यक 22 हजार वर्गफीट भवन, लायब्रेरी, लैब आदि अहर्ताओं को पूर्ण किये बिना संचालन किया जा रहा है। इन्हें विगत वर्ष मान्यता प्रदान की गयी है।
MP NEWS- मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में बिना पढ़ाई नर्सिंग की डिग्री
याचिका में दस्तावेज और साक्ष्यों के माध्यम से बताया गया कि कागजों में बड़े-बड़े भवन दिखाकर और निरीक्षण दल से सांठ-गांठ कर आदिवासी क्षेत्रों में चल रहे नर्सिंग कालेजों की मान्यता लेकर शिक्षा माफिया द्वारा गाढ़ी कमाई की जा रही है। ऐसे नर्सिंग स्टाफ तैयार कर नर्सिंग डिग्रियां बांटी जा रही है, जो भविष्य में स्वास्थ्य आपदा की स्थिति में लोगों की जान से खेलने का कार्य करेंगे।
MP NEWS- कार शोरूम को कागजों में नर्सिंग होम बता दिया
उदाहरण के रूप में कई कालेजों की फोटो के माध्यम से बताया गया कि कागजों में जहां नर्सिंग कालेज का संचालन दिखाया जा रहा है, वहां वास्तविक रूप से कार शोरूम, सर्विस सेंटर, बैंक इत्यादि खुले हुए हैं। उसके बावजूद उन्हें फर्जी तरीके से उपयुक्त बताकर मान्यता दी गई है।
MP NEWS- सरकारी योजना का लाभ उठाने खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेज
दो-दो कमरों में चल रहे नर्सिंग कालेजों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखा कर संचालित किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में संचालित इन नर्सिंग कालेजों को मान्यता नियम में रियायतें दी गयी हैं। जिससे आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले छात्रों को शिक्षा प्राप्त हो सके। लेकिन शिक्षा माफिया द्वारा इन रियायतों को अपने लाभ के रूप में उपयोग कर पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सरकार सहित सात निजी नर्सिंग संस्थाओं को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.