Advocates band mandatory in all courts of Madhya Pradesh, State Bar Council's decision
जबलपुर। एमपी स्टेट बार कौंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने प्रदेश के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र भेजा है। इसके जरिये अदालत परिसर में एडवाकेट्स बैंड अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बिना किसी वकील को प्रवेश न देने पर बल दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि काला कोट कोई भी पहल सकता है किंतु बैंड सिर्फ वही व्यक्ति लगा सकता है, जो कि स्टेट बार से अधिवक्ता बतौर पंजीकृत होग।
एडवाकेट्स बैंड फैशन में नहीं लगाया जा सकता, जेल जाना पड़ेगा
पिछले दिनों जबलपुर जिला अदालत में परिसर में पकड़े गए फर्जी वकील काला कोट फैशन के कारण पहनने की दलील देकर बच गए। इसीलिए अब बैंड की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। सैनी का कहना है कि बैंड फैशन में नहीं लगाया जा सकता। इसलिए अब फर्जी वकील बच नहीं सकते। वे काला कोट बेशक पहन सकते हैं, इसमें कोई अपराध नहीं पर बैंड लगाए दिखे तो जेल जाना तय है।
मध्य प्रदेश के न्यायालयों में फर्जी वकीलों की समस्या बड़ी हो गई है
उन्होंने बताया कि फर्जी वकीलों की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। जबलपुर सहित अन्य जिलों से भी परिसर में फर्जी वकीलों के घूमने की शिकायतें मिलीं। जिसके बाद धरपकड़ तेज कर दी गई। लेकिन फर्जी वकील बच निकलने में माहिर रहे हैं। अब उनकी लगाम कसने का तरीका निकाला गया है। उम्मीद है कि अधिवक्ता समुदाय का हक मारने वालों पर ठोस अंकुश लगेगा। सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अपनी अदालतों में इस नियम को सख्ती से लागू करेंगे। जिला अधिवक्ता संघ भी इस दिशा में ध्यान देंगे। इससे अनुशासन मजबूत होगा।
असली वकीलों की जिम्मेदारी, फर्जी वकीलों की धरपकड़ करें: MPSBC
प्रत्येक वकील की जिम्मेदारी है कि वह परिसर में नजर रखे। किसी पर संदेह होने पर फौरन शिकायत करें। जिला बार के अलावा स्थानीय पुलिस थाने में भी शिकायत कर सकते हैं। पिछले दिनों जबलपुर के वकीलों ने एक के बाद एक 10 फर्जी वकील पकड़े। इसके बाद से जागृति आ गई। अब फर्जी वकील घबराकर परिसर से बाहर रहते हैं। वे दलाली में जुटे हैं। इस पर भी अंकुश लगाने नई रणनीति बनाई जाएगी।इसके लिए शीघ्र कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित होगा। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.