जबलपुर। नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार द्विवेदी की याचिका पर हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग के अवर सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि या तो अगली तारीख से पहले हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। मामला कटनी में पदस्थ महेंद्र कुमार द्विवेदी के प्रमोशन का है, जिसे दुर्भावना पूर्वक रोक लिया गया है।
याचिकाकर्ता कटनी में पदस्थ महेन्द्र कुमार द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता महेन्द्र पटेरिया, सुभाष चतुर्वेदी और बृजेश चौबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को पांच अगस्त, 1997 से प्रमोशन का लाभ मिलना था, लेकिन उसकी ACR ग्रेडिंग के अंकों की गलत गणना के कारण उसे यह लाभ नहीं दिया गया। प्रमोशन इस आधार पर रिजेक्ट कर दिया गया कि उसे केवल 60 अंक मिले हैं, जबकि असलियत में उसे कुल 133 अंक मिले हैं।
याचिकाकर्ता ने इस संबंध में विभाग को अभ्यावेदन भी दिया था, लेकिन उसे लंबित रखा रहा गया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि याचिका दायर करने के बाद अवर सचिव ने माना कि ग्रेडिंग की गणना में गलती हुई है, इसलिए प्रमोशन रिजेक्ट किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओरीजनल फाइल पेश करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस तरह याचिकाकर्ता को परेशान करना अनुचित है। जिम्मेदार विभागों को हाई कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लेना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जाना बेहद चिंताजनक है।
हाई कोर्ट ने ACR में गलत ग्रेडिंग के मामले में राजस्व विभाग को नायब तहसीलदार की ओरीजनल फाइल पेश करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने ताकीद दी है कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो राजस्व विभाग के अवर सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा। मामले पर अगली सुनवाई 24 मार्च को निर्धारित की गई है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.