MP panchayat Chunav news- हाईकोर्ट ने नागरिक मंच की याचिका खारिज की

जबलपुर।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर की उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की खर्च की सीमा निर्धारित करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि हमारा काम कानून बनाना नहीं है, इसके लिए सरकार है। 

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डा.पीजी नाजपांडे व सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि हाल ही में निरस्त हुए पंचायत चुनाव में जिला व जनपद सदस्य व सरपंच, पंच के लिए मैदान में उतरे उम्मीदवारों ने नामांकन के बाद से ही सवा माह में चुनाव प्रचार पर 250 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इससे साफ है कि पंचायत चुनाव में प्रत्याशी अनाप-शनाप खर्च करते हैं। यही नहीं मतदाताओं को आर्थिक प्रलोभन देकर पक्ष में मतदान के लिए विवश तक किया जाता है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पंचायत चुनाव में खर्च की अंतिम सीमा निर्धारित नहीं है। जबकि लोकसभा, विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा निर्धारित है। यदि पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों के लिए दिन-प्रतिदिन के चुनाव खर्च का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने की शर्त निर्धारित कर दी जाए तो इस हालत पर अंकुश संभव है।

आग्रह किया गया कि निर्वाचन आयोग को इस सम्बंध में निर्देश जारी किए जाएं। सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ उपस्थित हुए। उन्होंने तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट ऐसा कोई कानून बनाने का आदेश नहीं दे सकता। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी। हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि कोई भी कानून बनाने के सम्बंध में हाई कोर्ट को निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है। 

इसी के साथ मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस डीके पालीवाल की युगलपीठ ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा निर्धारित करने की मांग संबंधी मामले में हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए जनहित याचिका निरस्त कर दी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

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