मिशन संचालक महोदय, NHM कर्मचारी भी इंसान है, कब तक शोषण करोगे- Khula khat

Bhopal Samachar
माननीय मिशन संचालक महोदय
, राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन मध्य प्रदेश। जैसा कि हम सबको पता है कि मध्य प्रदेश की स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने में एनएचएम के कर्मचारियों का भी उतना ही योगदान है जितना कि स्वास्थ विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग का लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि एनएचएम के कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। काम तो रेगुलर कर्मचारियों के जितना ही लिया जाता है पर जब वेतन कि बात आए तो उन्हें बताया जाता है कि तुम तो संविदा कर्मचारी हो। 

आज देश में केंद्र में ग्रुप डी के कर्मचारी को भी न्यूनतम वेतन 18000 से शुरू होता है लेकिन मध्य प्रदेश में आज भी एनएचएम के कई कर्मचारियों का वेतन 12000 और इससे कम भी है जबकि नियुक्ति के समय उनकी शैक्षणिक योग्यता रेगुलर कर्मचारियों के समान ही मांगी गई थी। कहने को तो जून 2018 की नीति मध्य प्रदेश में लागू हो गई है पर एनएचएम आज भी 90% वेतन देने की मंशा नहीं रखता। 

होने को तो आप राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन हो पर वेतन आपका राज्य सरकार से भी आधा नहीं है। 12000 मासिक मानदेय पाने वाला कर्मचारी शहर में रहेगा कैसे गुजारा कैसे होगा। क्या बेरोजगारी होने के डर से आप किसी का शोषण कर लोगे। ये तो व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का ही हनन है। आज महंगाई अपने चरम स्तर पर है जहा महंगाई भत्ता ही 31% हो गया है और एक एनएचएम का कर्मचारी है जो हमेशा से ठगा महसूस करता है। 
 
कृपया इस भेदभाव को मिटाए और वेतन विसंगति दूर करे 90% देने की बात हो या समान कार्य समान वेतन दोनो में से जो भी जल्दी हो उसे लागू किया जाए। एनएचएम के कर्मचारी भी इसी समाज के इंसान है उनका भी घर परिवार है। उनका भी एक सम्मान जनक वेतन लेने का अधिकार है। हम सभी MP NHM के कर्मचारी
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अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। इससे पूर्व प्रकाशित हुए खुले खत पढ़ने के लिए कृपया Khula Khat पर क्लिक करें. यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

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