नई दिल्ली। The University Grants Commission (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने पीएचडी में एडमिशन के लिए नियम बदल दिए हैं। इसके बाद 7.5 के न्यूनतम सीजीपीए (Cumulative Grade Point Average) के साथ चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएशन डिग्री धारक पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने रेगुलेशन एक्ट 2016 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) / जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए उपलब्ध सीटों में से 60% आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। यूजीसी ने इस साल से एमफिल की डिग्री समाप्त करने का फैसला लिया है। यानी नवीन शिक्षा सत्र में एमफिल के लिए अब किसी को एडमिशन नहीं दिया जाएगा।
यूजीसी रेगुलेशन 2022 के तहत कर्मचारियों से संबंधित अच्छा फैसला हुआ है। शिक्षकों एवं प्रोफेसरों को रिटायरमेंट के बाद पैरेंट यूनिवर्सिटी में दोबारा काम करने का मौका दिया जाएगा। इससे पहले यूजीसी ने ऐलान किया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी की डिग्री अनिवार्य नहीं होगी। इसके बारे में चेयर पर्सन जगदीश कुमार ने बताया कि समाज के अनुभवी और सफल लोग जो 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं, 65 वर्ष की उम्र तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए नियुक्त किए जाएंगे। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.