नई दिल्ली। उन विद्यार्थियों को बड़ा फायदा हुआ है जो साइंस सब्जेक्ट से हायर सेकेंडरी की परीक्षा दे रहे हैं अथवा हाल ही में पास कर चुके हैं और NEET के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं। अब उन्हें MBBS करने के लिए देशों में नहीं जाना पड़ेगा। भारत में 90 हजार से ज्यादा मेडिकल सीट हैं, इनमें से 45000 स्टूडेंट्स को इसमें रियायत दी जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा। हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी।
भारत में MBBS- प्राइवेट कॉलेज में एक करोड़, सरकारी में 10 लाख
उल्लेख करना आवश्यक है कि भारत में MBBS डिग्री कोर्स के लिए यदि विद्यार्थी को सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिलता है तो उसकी पूरी पढ़ाई का खर्चा 10 लाख रुपए होता है लेकिन यदि प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेना पड़ता है तो फीस सहित पढ़ाई का पूरा खर्चा एक करोड रुपए के आसपास आता है। जबकि कई देशों में यह खर्चा मात्र ₹20 लाख होता है।
MBBS- भारत में 90% योग्य विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं मिलता
हालांकि सीटों की समस्या अभी भी बनी हुई है। भारत में हर साल औसत 1600000 स्टूडेंट्स NEET के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं और 900000 स्टूडेंट्स NEET क्लियर कर लेते हैं परंतु भारत के कुल 605 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए मात्र 90885 सीटें उपलब्ध हैं। यानी कि भारत को सभी योग्य विद्यार्थियों को MBBS कोर्स में एडमिशन देने के लिए 800000 सीटों की जरूरत है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.