भोपाल। आपदा में सेवा का अवसर तो सदियों से तलाश आ जाता रहा है लेकिन पिछले 2 सालों में कुछ कारोबारियों ने आपदा में मुनाफे का अवसर भी तलाशा। आश्चर्यजनक बात यह है कि आपदा के बहाने मध्यप्रदेश में कालाबाजारी के अवसर तलाशी जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि सरकार सिर्फ विद्यार्थियों को हवाई जहाज की यात्रा कराकर पुण्य कमा रही है।
युद्ध की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश में जमाखोरी और कालाबाजारी शुरू हो गई है। सूरजमुखी की खेती होती है, जिस के प्रभावित होने की संभावना है लेकिन जमाखोरों ने सभी प्रकार के खाद्य तेलों की कालाबाजारी शुरू कर दी। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले सरिया का संबंध किसी भी देश से नहीं है लेकिन फिर भी दाम बढ़ाए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि थोक बाजार में लोहे के दाम ₹34 प्रति किलो थे अब बढ़कर ₹50 प्रति किलो हो गए हैं। उल्लेख करना आवश्यक है कि कंस्ट्रक्शन में उपयोग होने वाला लोहा ब्राजील से आता है। चिंता की बात यह है कि मध्य प्रदेश के बाजार में त्राहि-त्राहि की स्थिति बनती जा रही है और मध्य प्रदेश सरकार के पास इस सिचुएशन से निपटने के लिए कोई प्लान नहीं है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.