जबलपुर। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान राज्य सरकार अपने 10 लाख कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता और शहरी भत्ता नहीं दे रही है। जस का तस के नाम पर मात्र छलावा किया गया है। सरकार ने सभी लाभ केंद्रीय कर्मचारियों के समान देने की घोषणा की गई थी लेकिन सभी लाभ नहीं दिए गए। पिछले 25 वर्षों से भत्तों में विसंगतियां बनी हुई है एक कर्मचारी को प्रतिमाह करीबन 12 से 15 हजार रुपये कम तनखाह मिल रही है।
Madhya Pradesh employees news- अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने बताया
उपरोक्त के साथ मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की ओर से बताया गया है कि ए-ग्रेड, बी-ग्रेड और सी-ग्रेड शहरों में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को अलग अलग आवास और शहरी भत्ता दिए जाने की व्यवस्था है लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को यह लाभ नहीं दिया जा रहा। पाँचवे, छटवें और सातवें वेतन मान में मात्र पे-स्केल, मॅहगाई भत्ते का लाभ ही दिया गया। शेष लाभों के लिए पृथक से आदेश जारी करने का आश्वासन दिया गया लेकिन आज तक पृथक से आदेश जारी नहीं किया गया।
MP karmchari news- केंद्र के समान भत्ते नहीं मिल रहे
सरकार द्वारा जस का तस वेतनमान देने का संकल्प लिया गया था। आज करीबन 25 वर्षों से कर्मचारियों का आवास भत्ता, शहरी, बच्चों की शिक्षा, सफाई, वाहन, ड्रेस धुलाई, अपंग, ग्रीन कार्ड धारियों को मिलने वाले भत्तों के आदेश जारी नहीं किए गए। वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता एवं अन्य भत्ते ना दिये जाने से कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार से इस संबंध में अनेकों बार माँग की गई लेकिन आज तक इस समस्या में सुधार नहीं किया गया है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, डिप्लोमा एसोसिएशन के देव दोनेरिया ,कर्मचारी कॉंग्रेस के सन्तोष मिश्रा,नरेश शुक्ला,अभितेज कृष्ण त्रिपाठी, विश्वदीप पटेरिया,यू एस करोसिया,संजय गुजराल, रविकांत दहायत, अजय दुबे,एस के बांदिल,प्रदीप पटेल,धीरेन्द्र सिंह, योगेस चौधरी, योगेन्द्र मिश्रा, मुकेश मरकाम, आसुतोष तिवारी, राकेस उपाध्याय,संदीप नेमा,डी के नेमा,आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पांडेय , ब्रजेश मिश्रा ,विनय नामदेव ने सरकार से केंद्रीय कर्मचारियों के समान आवास और शहरी भत्ता दिए जाने के आदेश जारी करने की माँग की है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचारों के लिए कृपया karmchari news पर क्लिक करें.