जबलपुर। मध्य प्रदेश में जनता की सहनशक्ति और सरकार की सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है। पेट्रोल डीजल पर ट्रिपल टैक्स, मंदिर और स्कूलों के पास शराब की दुकानों के बाद अब बिजली के बिल भी जनता को एहसास दिलाएंगे कि उनकी स्थिति इतनी दयनीय है। सरकार की बिजली कंपनियों ने तय किया है कि यदि आपने बिजली का कनेक्शन ले लिया है तो आप भले ही बिजली जलाओ या ना जलाओ, ₹139 का बिल तो जरूर आएगा।
मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं से न्यूनतम शुल्क के नाम पर 70 रुपये राशि तय की है। यदि उपभोक्ता का बिजली खर्च शून्य यूनिट रहता है तब भी उसे न्यूनतम 70 रुपये का शुल्क तथा नियत प्रभार के 69 रुपये भुगतान करने होंगे। नियम के मुताबिक विद्युत अधिनियम में न्यूनतम शुल्क वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है। फिर भी न्यूनतम शुल्क का निर्धारण कर दिया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं एडवोकेट अजय गौतम ने बताया कि मप्र विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 45 (3) क में सिर्फ फिक्स जार्च उपभोक्ता से लेने का जिक्र है। न्यूनतम शुल्क नहीं लिया जा सकता। यदि सरकार न्यूनतम शुल्क का निर्धारण कर रही है तो यह अन्याय पूर्ण निर्णय है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.