भोपाल। लंबे समय के बाद मध्य प्रदेश में किसी प्रकार की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही है। सहकारी संस्थाओं का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। इस महीने 2000 संस्थाओं के और अगले महीने 1500 संस्थाओं के चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। इस प्रकार मई 2022 के अंत तक मध्यप्रदेश में 3500 सहकारी संस्थाओं में चेयरमैन, और संचालक मंडल के चुनाव संपन्न हो जाएंगे।
मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने कार्यक्रम घोषित किया
मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने पिछले महीने सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने के लिए मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के पद पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमबी ओझा की नियुक्ति की थी। यह पद सितंबर, 2021 से खाली था। इसके पहले मार्च, 2020 से कोरोना संक्रमण के कारण तमाम पाबंदियां लागू होने से सहकारी संस्थाओं के चुनाव लगातार टलते जा रहे थे।
मध्यप्रदेश में सहकारी संस्थाओं की चुनाव तारीख
चुनाव प्राधिकारी की ओर से हाल में दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। लगभग 2000 संस्थाओं के संचालक मंडल के चुनाव के लिए 6 अप्रैल से प्रक्रिया शुरु हो गई है। इनमें नामांकन-पत्रों की जांच और उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन कर उन्हें गुरुवार को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए गए। इन संस्थाओं में 26 अप्रैल को मतदान होगा। उसी दिन परिणाम घोषित हो जाएंगे।
मध्यप्रदेश में सहकारी संस्थाओं के चुनाव का दूसरा चरण
इसी तरह लगभग 1500 संस्थाओं के संचालक मंडल के चुनाव के लिए 22 अप्रैल को वोटर लिस्ट का प्रकाशन होगा। इस पर 29 अप्रैल तक आपत्तियां ली जाएंगी। अंतिम सदस्यता सूची का प्रकाशन 30 अप्रैल को किया जाएगा। इस सूची के खिलाफ अपील 2 से 5 मई तक की जा सकेगी। अपील का निराकरण 12 मई तक करने के बाद अगले दिन अंतिम सूची राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को सौंप दी जाएगी।
मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी का बयान
प्रदेश में जिन संस्थाओं के चुनाव ड्यू हैं, वहां कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है। अगले एक महीने में लंबित चुनाव करा लिए जाएंगे। -एमबी ओझा, मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी