भोपाल। कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया की सक्रियता पर सवाल खड़ा हो गया है। सीएम हेल्पलाइन की स्टेटस रिपोर्ट बताती है कि भोपाल जिले में पिछड़ा वर्ग डिपार्टमेंट और कलेक्टर कार्यालय, दोनों में सीएम हेल्पलाइन की तरफ से आने वाली शिकायतों का निवारण नहीं किया जाता। यह अपने आप में बड़ी खबर है कि कलेक्टर कार्यालय, सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेता।
MP CM HELPLINE में शिकायत के निवारण का नियम
मध्यप्रदेश में सीएम हेल्पलाइन में किसी भी लेवल पर शिकायतों के निराकरण की डेडलाइन 15 दिन है, लेकिन भोपाल में 5211 में से 670 शिकायतें ऐसी हैं जो 300 दिन से भी ज्यादा समय से पेंडिंग हैं, जबकि 2051 शिकायतें 100 दिन से ज्यादा समय से लंबी चल रही है। सबसे ज्यादा शिकायतें पिछड़ा वर्ग विभाग की 1516 हैं। जबकि दूसरे नंबर पर खुद कलेक्टोरेट आता है। यहां पर 956 शिकायतें पेंडिंग हैं। वहीं नगर निगम में पानी से संबंधित 496 शिकायतों का निवारण नहीं किया जा रहा हैं।
BHOPAL NEWS TODAY- सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को फोर्स क्लोज कर देते हैं
सात विभाग ऐसे हैं जिनमें की गई शिकायतों का निपटारा कम ही होता है, इन विभागों में पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग तो लंबे समय से नंबर वन पर चल रहा है। सहकारिता विभाग शिकायतों की संख्या कम करने के लिए फोर्स क्लोजर लगाकर उन्हें बंद कर देता है। यही हाल पुलिस, राजस्व विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, बरकतउल्ला विवि, सामान्य प्रशासन विभाग, लोक स्वास्थ्य, भोज मुक्त विवि, नगर निगम सीवेज प्रकोष्ठ का है। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।