भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में हाल ही में 26 मार्च 2022 को पीएचडी के लिए एंट्रेंस एग्जाम हुआ था, जिसका रिजल्ट 7 अप्रैल 2022 को आया है। जो कि विवादों में आ गया है इसकी मुख्य वजह यह है कि बीयू ने बिना आंसर की जारी किए ही रिजल्ट घोषित कर दिया, जो अभ्यर्थी अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है वे इसे नियम विरुद्ध बता रहे हैं।
गौरतलब है कि कुल 35 विषयों की 210 सीटों के लिए पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम हुआ था। परीक्षा में 3500 व अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसमें "एजुकेशन" में कम सीटों का परीक्षा होना भी विवादों के घेरे में हैं। एजुकेशन में कुल 21 सीटों के लिए एंट्रेंस हुआ था। अभ्यर्थी अमित नेमा ने बताया कि इसके लिए 200 से ज्यादा सीटें खाली हैं इसमें प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर को गाइड नहीं बनाया गया है। इस वजह से अभ्यर्थियों को बीयू से पीएचडी करने का मौका नहीं मिलेगा। पीएचडी एंट्रेंस में पास होने के बावजूद भी अभ्यर्थी पीएचडी करने से वंचित रह जाएंगे।
अभ्यार्थियों के मुताबिक बड़ी संख्या में छात्रों का रिजल्ट उनके अनुरूप नहीं आया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि बीयू ने आंसर की जारी नहीं की। इस वजह से छात्रों को जो प्रश्न सही किए हुए लग रहे हैं, उसमें उनके हिसाब से उनके कम नंबर आए हैं। अगर आंसरकी जारी की जाती तो ऐसी स्थिति ही नहीं बनती।
जबकि बीयू के अधिकारियों ने भी बताया है कि विभिन्न विषय में पास हुए छात्रों का प्रतिशत कम है। इस वजह से विरोध की स्थिति बन रही है। इंग्लिश, साइकोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस का परिणाम बहुत कम आया है। इसी तरह केमिस्ट्री का 6% और फिजिक्स का 8% परिणाम रहा। उर्दू और पर्शियन में तो कोई भी स्टूडेंट पास ही नहीं हुआ. जबकि कुछ ऐसे छात्र भी हैं जिनके जीरो अंक भी आए हैं। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.