जब समुचित सरकार को लगता है कि कोई ऐसी सूचना जो नाजुक सूचना अवसरंचना की सुविधाओं को प्रभावित करती है अर्थात ऐसी सूचना जो राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, लोक-स्वास्थ्य या किसी भी प्रकार की सुरक्षा को कमजोर करती है, तब सरकार अधिनियम की धारा 70 की उपधारा (1) के अनुसार संरक्षित प्रणाली को लागू कर सकती है। एवं उपर्युक्त धारा 70 की उपधारा (2) के अनुसार संरक्षण के ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है जो उन सूचनाओं की निगरानी कर सके एवं किसी व्यक्ति को इन सूचनाओं तक नहीं पहुंचने दे।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70
अगर कोई व्यक्ति संरक्षित प्रणाली के अंतर्गत SAVE DATA तक पहुंच जाता है या पहुचने का प्रयास करता है तब ऐसा करने वाला व्यक्ति, कर्मचारी या कोई भी प्राधिकारी नियमों का उल्लंघन करता तब वह अधिनियम की धारा 70 की उपधारा (3) के अंतर्गत दोषी होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70 (3) के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध हैं। अधिनियम के अनुसार अपराध का इन्वेस्टिगेशन करने की शक्ति निरीक्षक (इंस्पेक्टर) की नीचे की पक्ति के पुलिस अधिकारी को नहीं हैं। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम दस वर्ष की कारावास एवं जुर्माना हो सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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