मजिस्ट्रेट परिवाद की शिकायत पर कब साक्ष्य लेगा, जानिए- CrPC section 244

Bhopal Samachar

244 CrPC in Hindi

जब कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी से भिन्न कोई परिवाद डायरेक्ट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करता है तब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या तो मामले का स्वंय संज्ञान लेगा या दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 190 के अनुसार किसी अन्य मजिस्ट्रेट को संज्ञान के लिए भेज देगा। इसके बाद अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किस प्रकार अभियोजन पर कार्यवाही करेगा जानिए।

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 244 की परिभाषा:-

• जब मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस रिपोर्ट से भिन्न कोई अन्य परिवाद दायर होता है तब मजिस्ट्रेट दोषरोपण के सभी साक्षियों की सुनेगा जिन्हें परिवादी के समर्थन में पेश किया जाएगा।

• मजिस्ट्रेट उपर्युक्त धारा के अनुसार परिवादी (अभियोजन) पक्ष के साक्षियों को हाजिर के लिए या दस्तावेज को साक्ष्य में प्रस्तुत करने के लिए एक समन भी जारी कर सकता है।

"धारा 244 यह बात को स्पष्ट करती है कि किसी भी परिवाद पर संज्ञान लेने पर मजिस्ट्रेट सुनवाई की शुरुआत अभियोजन पक्ष अर्थात फरियादी पक्ष के साक्ष्यों एवं गवाहों द्वारा करेगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!