Devi Ahilya Vishwavidyalaya, Indore ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस यूनिवर्सिटी टेस्ट (सीईयूटी) में शामिल हो गई है। इसलिए नहीं कि यूनिवर्सिटी में नेशनल लेवल की पढ़ाई होती है बल्कि इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश के स्टूडेंट्स देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एडमिशन नहीं लेते। सीटें खाली रह जाती हैं।
DAVV NEWS- 23 पीजी कोर्स में खाली सीटें भरने CEUT में शामिल
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के 23 पीजी कोर्सेस को ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस यूनिवर्सिटी टेस्ट (सीईयूटी) में शामिल किया गया है। इसका असर यह होगा कि देशभर के स्टूडेंट्स को एक नई यूनिवर्सिटी का विकल्प मिल जाएगा और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को स्टूडेंट्स मिल जाएंगे। सीटें खाली रह जाने के कारण यूनिवर्सिटी को आर्थिक नुकसान तो होता ही है इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचती है। यदि स्टूडेंट्स, किसी यूनिवर्सिटी को रिजेक्ट कर दें तो प्रश्नचिन्ह कुलपति के मैनेजमेंट और प्रोफेसर उसकी योग्यता पर लगता है।
DAVV NEWS- कौन से कोर्स में सीटें खाली रह जाती हैं
यूनिवर्सिटी प्रबंधन को हर साल एमबीए डिजास्टर मैनेजमेंट, टूरिज्म, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और रूरल मैनेजमेंट जैसे पीजी कोर्स की सीटों को भरने में मशक्कत करना पड़ती है। जिसके बाद भी 15 प्रतिशत सीटें खाली रह जाती हैं। वहीं सीईयूटी में शामिल होने के बाद अधिकारियों का मानना है कि अब सीटें खाली रहने का संकट नहीं झेलना पड़ेगा। अगले महीने इन कोर्स के लिए आवेदन मंगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
23 यूजी कोर्सेस के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू
यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सीईयूटी के जरिए होने वाले 23 यूजी पाठ्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन और एनटीए के बीच पीजी कोर्स की एग्जाम को लेकर चर्चाएं चल रही है। बताया जा रहा है कि इस माह के अंत तक लगभग 20 पीजी कोर्स का रास्ता साफ हो जाएगा। DAVV हर साल एक दर्जन से अधिक विभागों में संचालित 43 कोर्स के प्रवेश के लिए सीईटी एग्जाम आयोजित करता है। लेकिन इस साल DAVV सेंट्रल यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा सीईयूटी से जुड़ गया हैं। जिसके बाद अब यूजी और पीजी कोर्स की एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) अलग- अलग करवाएगी।
DAVV NEWS- स्पेशल कोर्स जो भारत में कहीं और नहीं पढ़ाए जाते
हर साल 20 प्रतिशत सीटें खाली रहने से यूनिवर्सिटी को 20 से 25 लाख रुपए का नुकसान होता है। लेकिन सीईयूटी से जुड़ने के बाद अब स्टूडेंट की रुचि इन कोर्स की तरफ बढ़ेगी। क्योंकि अन्य राज्यों के विवि व कॉलेजों में यह पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाए जाते हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना है कि इस साल सीईयूटी के माध्यम से प्रवेश परीक्षा होने से यूनिवर्सिटी में संचालित कोर्स का प्रचार देशभर में हो रहा है। जिसके कारण उन कोर्सों को भी फायदा होगा, जिनमें प्रवेश कम होते हैं। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.