जबलपुर। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी एवं महिला शिक्षक के ट्रांसफर की कोशिश छिंदवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी को महंगी पड़ रही है। हाईकोर्ट ने लगातार दूसरी बार उनका आदेश निरस्त कर दिया है। यदि तीसरी बार पद का दुरुपयोग किया गया तो उच्च न्यायालय की अवमानना का मामला प्रस्तुत हो सकता है।
श्रीमती बिन्दुलता गौतम माध्यमिक शिक्षक का ट्रांसफर शासकीय हाई स्कूल बरारिया, ब्लॉक परासिया से शासकीय मिडिल स्कूल रामा कोना ब्लॉक सौसर दिनाँक 30/08/21 को किया गया था। पंजीकृत संघ के पदाधिकारी होने एवम ट्रांसफर नीति के अनुसार, दो कार्यकाल के लिए ट्रांसफर से छूट प्राप्त होने के आधार पर, संबंधित कर्मचारी द्वारा डीईओ को अभ्यावेदन देकर ट्रांसफर निरस्तीकरण की मांग की गई थीं।
आवेदन का निराकरण विभाग द्वारा नहीं किये जाने पर, श्रीमती गौतम द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई। सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट के आदेशानुसार श्रीमती गौतम का लंबित आवेदन के निराकरण के आदेश विभाग को जारी किए गए थे। विभाग द्वारा कोर्ट के आदेशानुसार 11/3/22 को कर्मचारी का अभ्यावेदन, उसमे सम्मिलित बिंदुओ को विचार में लिए हुए निरस्त कर दिया गया था।
माध्यमिक शिक्षक द्वारा पुनः हाई कोर्ट की शरण ली गई थी। उनकी ओर से पैरोकार उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष दलील दी गई कि ट्रांसफर नीति के अनुसार, पंजीकृत संघ के पदाधिकारियों को दो कार्यकाल के लिए ट्रांसफर से छूट प्राप्त है।
कर्मचारी द्वारा इस बिंदु का स्पष्ट उल्लेख अभ्यावेदन में किया गया कि संघ के पदाधिकारी के रूप में उसका प्रथम कार्यकाल है परंतु विभाग द्वारा यह कर आवेदन को निरस्त किया जाना कि आवेदन में पदावधि का उल्लेख नही है, विधि विरुद्ध है।
उच्च न्यायालय ने, अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी की दलीलों को सुनने एवं अभ्यावेदन का अवलोकन करने के बाद, डीईओ छिंदवाड़ा के आदेश दिनाँक 11/03/22 को निरस्त कर, दो सप्ताह के भीतर नया आदेश जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उस अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा, माध्यमिक शिक्षक पूर्व की शाला में कार्य करेगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचारों के लिए कृपया karmchari news पर क्लिक करें.