gk questions in hindi for students
यदि आप पूछेंगे तो ज्यादातर लोग बताएंगे कि घोड़े का उपयोग दूल्हे की सवारी के रूप में किया जाता है। दूसरे जानवरों की तरह घोड़ा भी एक जानवर होता है लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि घोड़ों का भी इंसानों की तरह पासपोर्ट बनता है। इतना ही नहीं घोड़े बिजनेस क्लास में अंतरराष्ट्रीय सफर करते हैं।
ओलंपिक खेलों के बारे में तो आप जानते ही हैं। घुड़सवारी को सन 1900 में ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया था। घुड़सवारी के खेल में जितनी वैल्यू घुड़सवार खिलाड़ी की होती है, उतनी ही और कई बार उससे ज्यादा वैल्यू घोड़े की होती है। यह इतनी अधिक होती है कि घोड़ों को ओलंपिक के खेलों में स्पेशल प्रोटोकॉल दिया जाता है। उनके रहने और खाने के विशेष इंतजाम किए जाते हैं।
ओलंपिक खेलों में दुनिया भर से घोड़ों को लाया जाता है। मजेदार बात यह है कि सभी घोड़ों का पासपोर्ट होता है। इंसानों की तरह मेडिकल और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद ही घोड़े को हवाई यात्रा की अनुमति मिलती है। घोड़े फ्लाइट में सफर करते हैं। उन्हें बिजनेस क्लास का टिकट मिलता है। जिस तरह फ्लाइट में एयर होस्टेस आम यात्रियों का ध्यान रखती हैं। उसी प्रकार घोड़ों का भी खास ख्याल रखा जाता है।
घोड़ों की यात्रा के लिए स्पेशल फ्लाइट चलाई जाती है और सबसे बड़ी बात यह है कि जिस फ्लाइट में घोड़े सफर कर रहे होते हैं उसके पायलट को स्पेशल इंस्ट्रक्शंस दिए जाते हैं। फ्लाइट को टेक ऑफ करते समय और लैंडिंग करते समय पायलट को यह ध्यान रखना पड़ता है कि घोड़ों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। यानी कि फ्लाइट में इंसानों से ज्यादा घोड़ों का ध्यान रखा जाता है। और यह एक इंटरनेशनल प्रोटोकॉल है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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