जब दो देशों के बीच युद्ध होता है तब कई बार सैनिक दिशा भटक जाते हैं और बेवजह दुश्मन के जाल में फंस जाते हैं। क्या आप जानते हैं सैनिकों को दिशा भटकने से बचाने के लिए उनकी वर्दी में एक विशेष प्रकार का दिशा सूचक बटन लगाया जाता है। यह सभी देशों के सैनिकों की वर्दी में नहीं होता परंतु बहुत से विकसित देशों के सैनिकों की वर्दी में होता है।
सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय बनाया गया था दिशा सूचक बटन
इस विशेष प्रकार के बटन का आविष्कार द्वितीय विश्व युद्ध (1 सित॰ 1939 – 2 सित॰ 1945) के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य में किया गया था। ब्रिटिश वायु सेना की वर्दी में यह विशेष प्रकार का बटन लगाया जाता था ताकि यदि वह कभी किसी हादसे का शिकार हो जाएं तो उन्हें कम से कम दिशा का ज्ञान हो सके और वह वापस आ सकें।
ब्रिटिश सैनिक वर्दी के बटन से दिशा का ज्ञान कैसे होता था
कंपास की तरह काम करने वाला यह बटन दो हिस्सों में बना होता है। बीच में छोटी सी सुई लगी होती है। बटन के ऊपर वाले हिस्से को जैसे ही सुई के ऊपर बैलेंस किया जाता है वह दिशा बताना शुरू कर देता है। इस बटन पर खास किस्म के बिंदु बने होते हैं। जिस तरफ 2 बिंदु दिखाई देते हैं वह दिशा उत्तर दिशा होती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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