ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर तिघरा डैम से ही शहर में जलापूर्ति होती है। यदि तिघरा डैम में पानी नहीं होगा तो शहर की पानी की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। शहर में पानी के एक मात्र स्त्रोत तिघरा बांध को गर्मियों के मौसम में भरने के लिए पेहसारी बांध से छोड़ा गया 250 क्यूसिक पानी में से तिघरा में 20 से 30 क्यूसिक पानी ही पहुंचा है। इसके कारण एक ओर जहां पेहसारी से पानी की बर्बादी हो रही है, वहीं दूसरी ओर तिघरा में भी पानी बहुत ही कम मात्रा में पहुंच रहा है, क्योंकि पानी को बीच में गढड़े एवं स्टाप डैम सोख रहे हैं। इसके कारण पानी का वष्पीकरण भी बहुत अधिक मात्रा में हाे रहा है।
गर्मियों के मौसम में तिघरा बांध को भरने के लिए जल संसाधन विभाग ने अपर ककैटो बांध से पानी छोड़कर ककैटो बांध को भर दिया है, इसके बाद ककैटो बांध से पेहसारी बांध में पानी भेजना प्रारंभ कर दिया है। साथ ही पेहसारी बांध की नहर को तिघरा बांध को भरने के लिए खोल दिया गया है। पेहसारी बांध से 250 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है, लेकिन यह पानी सांक नदी पर बने गढड़ो, स्टाप डेम में भरकर रह गया है। सांक नदी में मात्र 2 से 3 इंच पानी ही चल रहा है। जबकि यह नदी 10 फीट से अधिक गहरी एवं 100 फीट के करीब चौड़ी है।
इसके साथ ही इस समय गर्मी भी काफी पड़ रही है इसके चलते नदी का तल भी पूरी तरह से सूख चुका है, जिसके कारण पानी पहुंचते ही नदी भी काफी मात्रा में पानी को साेख रही है। इसके कारण काफी सारा पानी व्यर्थ हो रहा है। वहीं इसके कारण तिघरा का जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है। तिघरा का जलस्तर इस समय 731.10 फीट पर पहुंच गया है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.