ग्वालियर। ग्वालियर का मध्य प्रदेश में जातिवाद का जंगल कहा जाता है। 2018 में जातिवाद के कारण हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी। सैकड़ों लोग आज भी कोर्ट में तारीख कर रहे हैं, लेकिन वह सब कुछ पॉलिटिकल था क्योंकि ग्वालियर के लोग जातिवाद की दीवारों को तोड़कर अंतरजातीय विवाह कर रहे हैं। सरकारी रजिस्टर में रिकॉर्ड टूट गया है।
आदिम जाति कल्याण विभाग का रिकॉर्ड बताता है कि सन 2018 से लेकर 2021 तक प्रतिवर्ष 25 अंतरजातीय विवाह होते थे परंतु 2021-22 में 41 अंतरजातीय विवाह हुए। मध्यप्रदेश में अंतरजातीय विवाह के लिए सरकार की तरफ से ₹200000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पिछले रिकॉर्ड के हिसाब से ग्वालियर को 25 जोड़ों को प्रोत्साहित करने के लिए ₹5000000 की राशि दी गई थी परंतु 41 शादियां हो गई। नव दंपतियों को प्रोत्साहित करने के लिए डिपार्टमेंट के पास पैसे नहीं है।
सरकारी रिकॉर्ड बताता है कि विभाग के पास कुल 65 जोड़ों ने अंतरजातीय विवाह का दावा प्रस्तुत किया था, मगर डिपार्टमेंट ने कई मामलों को अस्वीकार कर दिया। मात्र 41 मामलों को ही स्वीकृति दी गई। इनमें सामान्य वर्ग के 13 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 8 युवकों ने अनुसूचित जाति की युवतियों से विवाह किया। इसके अलावा सामान्य वर्ग की 6 और अन्य पिछड़ा वर्ग की 10 युवतियों ने अनुसूचित जाति के युवकों संग सात फेरे लिए। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.