ग्वालियर। यदि कोई भारत के प्राचीन और चमत्कारी शीतला माता मंदिरों का उल्लेख करेगा तो उसका प्रसंग ग्वालियर की शीतला माता मंदिर के बिना हमेशा अधूरा है। माता के चमत्कार इस बात से प्रमाणित होते हैं कि डकैत और पुलिस दोनों इस मंदिर पर आकर प्रार्थना करते थे और मनोकामना पूरी होने पर घंटा चढ़ाते थे।
शीतला माता मंदिर ग्वालियर- जान जोखिम में डालकर दर्शन करने आते थे डकैत
बात 80-90 के दशक की है। शीतला माता का मंदिर शहर के थोड़े बाहर जंगल वाले इलाके में हैं। नवरात्रि में इलाके में सक्रिय डाकू गिरोह मंदिर में दर्शन करने के लिए आते थे। परंपरा है कि जिसकी भी मनोकामना पूरी होती है वह नवरात्रि के दिनों अष्ट धातु का घंटा अर्पित करता है। कुछ डकैत गिरोह पहले से ही ऐलान कर देते थे। पुलिस तैनात रहती थी फिर भी वह भेष बदलकर आते थे और ग्रहों के घंटे बांध कर चले जाते थे।
गडरिया गिरोह के लिए पुलिस ने प्रार्थना की थी
ग्रामीण क्षेत्रों में शीतला माता को डकैतों की देवी भी कहा जाता था परंतु मंदिर क्षेत्र में बने हुए घंटे बताते हैं कि केवल डकैती नहीं बल्कि पुलिस अधिकारी भी यहां पर प्रार्थना करने आते थे और उनकी भी मनोकामनाएं पूरी होती थी। कहा जाता है कि किसी भी एनकाउंटर पर जाने से पहले पुलिस की पूरी टीम माता की शरण में आती थी। अपनी सुरक्षा और सफलता की कामना करती थी। कहा जाता है कि पुलिस टीम की ऐसी ही एक प्रार्थना के कारण गडरिया गिरोह का खात्मा हो गया था।
ग्वालियर वाली शीतला माता की कथा
माता के पहले भक्त गजाधर मंदिर के पास ही बसे गांव सांतऊ में रहते थे। वे भिंड जिले के गोहद के पास खरौआ में एक प्राचीन देवी मंदिर में नियमित रूप से गाय के दूध से माता का अभिषेक करते थे। महंत गजाधर की भक्ति से प्रसन्न होकर देवी मां कन्या रूप में प्रकट हुईं और महंत से अपने साथ ले चलने को कहा।
गजाधर ने माता से कहा कि उनके पास कोई साधन नहीं है वह उन्हें अपने साथ कैसे ले जाएं। तब माता ने कहा कि वह जब उनका ध्यान करेंगे वह प्रकट हो जाएंगी। गजाधर ने सांतऊ पहुंचकर माता का आवाहन किया तो देवी प्रकट हो गईं और गजाधर से मंदिर बनवाने के लिए कहा। गजाधर ने माता से कहा कि वह जहां विराज जाएंगी वहीं मंदिर बना दिया जाएगा। माता सांतऊ गांव से बाहर निकल कर जंगलों में पहाड़ी पर विराजमान गईं। तब से महंत गजाधर के वंशज इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। महंत नाथूराम पांचवीं पीढ़ी के हैं। आज मां शीतला की महिमा इतनी बढ़ गई है कि नवरात्रि के दिनों में दूर-दूर से उनके भक्त चलकर दर्शन करने पहुंचते हैं। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.