GWALIOR का VVIP सहायक शिक्षक सुर्ख़ियों में- कलेक्टर ने FIR के आदेश दिए- NEWS TODAY

Bhopal Samachar
ग्वालियर।
जबर सिंह अग्र, सरकारी दस्तावेजों में तो केवल 1 सहायक शिक्षक है परंतु जलवा किसी राज्यमंत्री से कम नहीं है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जबर सिंह के खिलाफ FIR के आदेश दिए और इसी के साथ जबर सिंह के किस्से सरकारी महकमों में गुजरने लगे। बताते हैं कि सन 1992 में तत्कालीन कलेक्टर ने उसे बर्खास्त कर दिया था परंतु कलेक्टर के जाते ही जबर सिंह फिर अपनी पावर में आ गया और 92 से 22= 30 साल तक पावर में रहा। 

जबर सिंह पर आरोप है कि आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास के अधीक्षक पर पद रहते हुए छात्रों की 5 लाख 72 हजार रूपये शिष्यावृत्ति निकाल ली थी। पुष्पेंद्र सिंह मौर्य ने कमिश्नर से शिकायत की जिसकी जांच के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जबर सिंह से वसूली के आदेश जारी किए एवं भ्रष्टाचार के मामले में सहायक शिक्षक के खिलाफ FIR के आदेश दिए। कलेक्टर कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि सोमवार को FIR दर्ज कर ली जाएगी। 

ग्वालियर में सहायक शिक्षक जबर सिंह के किस्से

  • सन 1992 में भी तत्कालीन कलेक्टर ने जबर सिंह को बर्खास्त कर दिया था। 
  • मारपीट एवं लापरवाही के मामले में सस्पेंड किया गया था। 
  • आरके पुरी, थाटीपुर में ए-2 बंगला आवंटित है। यह बंगला डिप्टी कलेक्टर और राज्यमंत्री स्तर के नेता को आवंटित किया जाता है। 
  • एक आईएएस अफसर का नाम चर्चा में है, जो जबर सिंह के खिलाफ होने वाली कार्रवाई को हर बार रुकवा देते हैं।
  • सन 2017 में जबर सिंह को जिला पंचायत में पदस्थ किया गया था। 2 साल बाद सन 2019 की एक जांच में पता चला कि जबर सिंह कभी जिला पंचायत आया ही नहीं। 
  • कहा जा रहा है कि कुछ नेताओं से भी जबर सिंह के जबरदस्त संबंध है। 
  • जबर सिंह मूल रूप से एक आईएएस अफसर के लिए काम करता है। उसी रुतबे के कारण डिप्टी कलेक्टर का बदला आवंटित हुआ है। 
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