इंदौर। किड्स कॉलेज की स्कूल बस के एक्सीडेंट मामले में RTO की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूल की बस पूरी तरह से फिट थी परंतु उसको चलाने वाला ड्राइवर नौसिखिया था। उसके पास स्कूल बस चलाने का कोई एक्सपीरियंस नहीं था। यही कारण रहा कि स्कूल बस का एक्सीडेंट हो गया। आरटीओ की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट एसडीएम के पास तक पहुंच गई है।
किड्स कॉलेज स्कूल बस एक्सीडेंट मामले में RTO की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट
कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले की जांच के आदेश एडीएम पवन जैन को दिए हैं। जांच की प्रक्रिया में आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस को भी शामिल किया गया है। घटना के अगले दिन ही आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने दुर्घटनाग्रस्त बस का निरीक्षण किया था। इसमें बस सभी मानकों को पूरा करती पाई गई थी। उसके परमिट, फिटनेस भी पूरे थे, जिससे कहा जा रहा था कि मामले में बस की गलती नहीं है।
स्कूल मैनेजमेंट ने नौसिखिया ड्राइवर को बच्चों से भरी बस थमा दी थी
आरटीओ ने जांच की तो पता चला कि नियम अनुसार बस के चालक के पास नियमानुसार पांच साल का कर्मशियल वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए लेकिन किड्स कालेज के चालक के पास यह अनुभव नहीं था और वह स्कूली बस चला रहा था। आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है और रिपोर्ट को एडीएम को सौंप दी गई है। सूत्रों ने बताया कि अब मामले में स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।
आधे से ज्यादा स्कूलों में ऐसे ही हालात
जानकारी के अनुसार अगर सभी स्कूलों की जांच की जाए तो इस प्रकार की गड़बड़ी पाई जाएगी। इसमें चालक परिचालक इस तरह से नियमों का पालन नहीं करते है। इसके अलावा अधिकांश स्कूल बसों के कंडक्टरों के पास आरटीओ से जारी होने वाला कंडक्टर लाइसेंस भी नहीं है। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.