JABALPUR जिला सूखा घोषित, कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए- NEWS TODAY

Bhopal Samachar
जबलपुर
। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जबलपुर द्वारा पूरे जिले को सूखा घोषित कर दिया गया है। आदेश क्रमांक /2778/ एस.डब्ल्यू./2022 दिनांक 29 अप्रैल 2022 के माध्यम से कलेक्टर ने जिले में कई तरह के प्रतिबंध है घोषित कर दिए हैं। 

कलेक्टर के आदेश में लिखा है कि, जबलपुर जिले में विगत वर्षाकाल में औसत से कम वर्षा होने के कारण तथा कृषि / व्यवसायिक / औद्योगिक कार्य हेतु भू-जल स्त्रोतों का अतिदोहन होने से पेयजल स्त्रोतों / नलकूपों का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जल स्तर गिरने के एवं अधिकॉश सतही जल स्त्रोत सूख जाने के कारण आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना है। 

इस संभावना को देखते हुये जबलपुर जिले की समस्त तहसीलों में मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 संशोधित 2002 के तहत पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजन के लिये नवीन निजी नजकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। मेरे द्वारा स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यह यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है। 

अतएव मै डॉ. इलैयाराजा टी कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जबलपुर, मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 संशोधित 2002 की धारा 3 के अंतर्गत जबलपुर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को दिनांक 30 अप्रैल, 2022 से 30 जून 2022 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करता हूँ -

(1) जबलपुर जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये अधिनियम की धारा-6 (1) के अंतर्गत संपूर्ण जबलपुर जिले में अशासकीय व निजी नजकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।

(2) जबलपुर जिले के सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप / बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी। 

(3) प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों को जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगा अथवा नलकूप खनन / बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने का अधिकार होगा। 

(4) समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिये व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जॉच (संबंधित सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जॉच) के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया जाता है।

(5) इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। 

(6) उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्त अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। 

(7) नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 क (1) के अंतर्गत अधिगृहण किया जा सकेगा।

(8) यदि किसी व्यक्ति को पेय जल परीक्षण अधिनियम की धारा 4 के अधीन कलेक्टर द्वारा पारित किए गए आदेश से आपत्ति है तो वह आदेश जारी होने की तारीख से 30 दिवस के भीतर कमिश्नर कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा सकता है। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.
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