जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका लंबित होने के बावजूद जबलपुर में दूध मूल्य वृद्धि कैसे कर दी गई। इस सवाल के साथ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर द्वारा राज्य शासन, सचिव खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय को ई-मेल के जरिये लीगल नोटिस भेजा गया है।
आरोप लगाया गया है कि कलेक्टर जबलपुर ने बिना मानीटिरिंग जबलपुर में दूध का दाम 62 रुपये प्रति लीटर निर्धारित कर दिया। जिसे निरस्त कर जबलपुर में दूध के दाम भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन के समान किए जाएं।नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डा.पीजी नाजपांडे ने अवगत कराया कि 2019 में दूध के दाम नियंत्रित किए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।
जनहित याचिका में इस बात पर जोर दिया गया था कि सरकार दूध के दाम तय करने के अलावा मानीटरिंग भी करें। 2020 में हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया था। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन दो साल गुजरने को आए सरकार चुप्पी साधे हुए है। जनहित याचिका अब भी लंबित है। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.