इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रबंधन पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। एक प्राइवेट कॉलेज में खुली नकल हो रही थी। यूनिवर्सिटी को सूचित किया गया ताकि उड़नदस्ता आए और छानबीन करे लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोई कार्यवाही नहीं की।
लिबरल कालेज- स्टाफ नहीं है फिर भी यूनिवर्सिटी ने परीक्षा केंद्र बना दिया
इंदौर के लोकप्रिय पत्रकार लोकेश सोलंकी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि राऊ इंदौर में स्थित लिबरल कॉलेज में परीक्षा ड्यूटी के लिए डेली बेसिस पर कर्मचारियों को तैनात किया गया है, क्योंकि कॉलेज के पास रेगुलर प्रोफेसर है ही नहीं। जिन लोगों को परीक्षा में पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया गया है वह टोल टैक्स बैरियर पर काम करते हैं। पत्रकार सोलंकी के ऑपरेशन में 10 से ज्यादा ऐसे लोग कैमरे में कैद किए गए हैं जो परीक्षा के समय परीक्षा कक्ष के अंदर थे परंतु कॉलेज के नियमित कर्मचारी नहीं है। पत्रकार सोलंकी ने आश्चर्य जताया है कि जिस कॉलेज के पास स्टाफ नहीं है, यूनिवर्सिटी ने उस कॉलेज को परीक्षा केंद्र कैसे बना दिया।
लिबरल कालेज प्राचार्य का बयान
गार्गी राय, प्राचार्य, लिबरल कालेज, राऊ का कहना है कि टोल के जो कर्मचारी हैं, वे एमए हैं। वे हमारे यहां गेस्ट फैकल्टी के तौर पर आते हैं। एक-दो कर्मचारी सामने स्कूल में शिक्षक हैं। कालेज के ड्रायवर तो सिर्फ कारिडोर में तैनात थे। इनके अलावा अन्य तीन-चार लोग ऐसे हैं, जिन्हें हमने बाहर से बुलाया।
सबूत सामने आने के बाद DAVV रजिस्ट्रार का बयान
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने सूचना पर कार्यवाही नहीं की। मांगे जाने पर भी उड़नदस्ता नहीं भेजा लेकिन जब पत्रकार सोलंकी ने सबूत सामने रख दिए तो डा. अनिल शर्मा, रजिस्ट्रार, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने कहा कि जो शिकायत और जानकारी मिली है, वह अत्यंत गंभीर है। विवि ने कालेज को नोटिस जारी कर सभी पर्यवेक्षकों की सूची और तैनाती का चार्ट मांगा है। मामले में सबूत के तौर पर फोटोग्राफ भी मिले हैं। कठोर कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.