भोपाल। मध्यप्रदेश शासन आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जांच रिपोर्ट को विशेष न्यायाधीश अमित रंजन समाधिया ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टिगेशन प्रॉपर नहीं है। कोर्ट ने दोबारा जांच करने के आदेश दिए हैं। मामला MUC SCAM का है। मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद EOW ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
BHOPAL NEWS- माखनलाल यूनिवर्सिटी घोटाला- दोबारा जांच करने के आदेश
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में 2003 से 2018 तक भर्तियों में हुई गड़बडी और अनियमितताओं के आरोपों की जांच कमलनाथ सरकार के दौरान शुरू की गई थी। इस मामले में यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला समेत 20 लोगों पर FIR दर्ज की गई थी। सत्ता परिवर्तन हुआ और शिवराज सिंह सरकार के गठन के बाद EOW ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी।
MP NEWS- आशुतोष मिश्रा की आपत्ति पर EOW की क्लोजर रिपोर्ट खारिज
शिकायतकर्ता आशुतोष मिश्रा ने कोर्ट में आपत्ति प्रस्तुत की। कोर्ट ने 23 पेज का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि EOW ने इन्वेस्टिगेशन प्रॉपर तरीके से नहीं की। कोर्ट ने EOW के लगाए खात्मे को निरस्त कर आगे इन्वेस्टिगेशन के आदेश दिए।
MCU घोटाला में इन मामलों की जांच होनी है
2003 से 2018 तक 19 लोगों की नियम विरुद्ध नियुक्तियां की गई।
तत्कालीन कुलपति प्रो. बीके कुठियाला द्वारा पद का दुरुपयोग एवं आर्थिक अनियमितता।
यूजीसी के नियमों के विपरीत अपात्र व्यक्तियों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति।
विशेष व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से अनावश्यक शिक्षण केंद्र खोलना।
प्रो. बीके कुठियाला द्वारा यूनिवर्सिटी के पैसे अपने परिवार पर खर्च करना।
MCU BHOPAL SCAM- इनके खिलाफ मामला दर्ज
EOW में तत्कालीन कुलपति प्रो. बीके कुठियाला, डॉ. शशिकला, डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. अविनाश वाजपेयी, प्रो. अरुण भगत, प्रो. संजय द्विवेदी, डॉ. मोनिका वर्मा, डॉ. कंचन भाटिया, डॉ. मनोज कुमार पचारिया, डॉ. आरती सारंग, रंजन सिंह, डॉ. सौरभ दुबे, सूर्यप्रकाश शाह, प्रदीप कुमार डहेरिया, सतेंद्र कुमार डहेरिया, डॉ. गजेंद्र अवस्या, डॉ. कपिल चौरसिया, रजनी नागपाल के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दो अन्य भी हैं, जिनकी मौत हो चुकी है।मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.