जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक CRR 1949 /2021 तत्कालीन जांच अधिकारी उपसंचालक अरविंद सिंह परिहार विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन में माननीय युगल पीठ जस्टिस श्री सील नागु एवं जस्टिस श्री एमएस भट्टी की खंडपीठ ने आवेदक को हाईकोर्ट से किसी भी प्रकार की राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया।
याचिका में आपत्तिकर्ता अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने विरोध करते हुए बताया कि थाना निशातपुरा भोपाल में अभियुक्त एवं अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी। जिसमें कृषि उपज मंडी में लगभग 500 किसानों के धान बिक्री की कुल राशी 5 करोड़ 70 लाख 11452(5.70.11.452) राशि का भुगतान नहीं हुआ था एवं बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं घोटाला किया गया था। जिसकी जांच करने के लिए तत्कालीन उपसंचालक अरविंद परिहार एवं लक्ष्मण वास्कले की संयुक्त टीम ने जांच की थी।
बाद में इन जांच अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। जिसमें इनके द्वारा ₹480000 (48 लाख रुपए) की रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें व्यापारी आशीष गुप्ता ने इन्हें ₹100000 (1 लाख) नगद दिए थे एवं आवेदक के पास से ₹40.000 रुपए की जब्ती भी हुई थी। इनके खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 7.13(1) (बी) धारा 13 (2) एवं आईपीसी की धारा 420, 406, 409 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।
आवेदक के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश करके चार्ज फ्रेम किया गया था। जिसके खिलाफ आवेदक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह मांग की थी कि इस प्रक्रिया को रोका जाए एवं आवेदक के खिलाफ लगे अपराधिक आरोपों को समाप्त किया जाए। जिस पर माननीय युगल पीठ ने गंभीरता से विचार करते हुए आवेदक की याचिका मैं किसी भी प्रकार की राहत प्रदान नहीं की।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकरण में किसी भी प्रकार से दखल करने की जरूरत नहीं है।प्रकरण में शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता एसएस चौहान एवं आपत्ति करता अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी उपस्थित हुए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.