भोपाल। मध्यप्रदेश शासन से पेंशन प्राप्त करने वाले 500000 से अधिक रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए राहत भरी बड़ी खबर है। अब उन्हें अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में जाना अनिवार्य नहीं है। वह किसी भी बैंक में जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण दे सकते हैं।
आज से पहले तक नियम यह था कि जिस बैंक से पेंशन मिलती है, उस बैंक की किसी भी ब्रांच में साल में एक बार जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ता था। बुढ़ापे के दिनों में रिटायर्ड कर्मचारी चलने फिरने में असमर्थ हो जाते हैं। बच्चों के पास चले जाते हैं। किसी दूसरे पर डिपेंड हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कभी-कभी अपना बैंक और अपनी ब्रांच पहुंच से दूर हो जाती है।
पेंशन संचालनालय द्वारा लागू की जाने वाली इस नई व्यवस्था से साढ़े चार लाख पेंशनर को सीधा लाभ होगा। मध्य प्रदेश में पेंशनर को प्रतिवर्ष नवंबर में अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र बैंक की शाखा में देना होता है। इस वर्ष यह फरवरी तक लिया गया है। यदि नवंबर में यह जमा नहीं होता है तो जनवरी में पेंशन नहीं मिलती है। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.