जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 62 साल में रिटायर प्राध्यापकों को 65 साल तक का पूरा वेतन देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए राज्य सरकार को यह आदेश दिया है।
62 में रिटायर प्राध्यापकों को 65 तक का पूरा वेतन: सुप्रीम कोर्ट का आदेश
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार को अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों से 62 साल की उम्र में रिटायर हुए प्राध्यापकों को 65 वर्ष की उम्र तक का पूरा वेतन देना होगा। दिनांक 7 सितंबर 2021 को हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह प्रोफेसर्स जिन्हें 62 वर्ष में सेवानिवृत्त कर दिया गया है और वे सेवा से बाहर हो गए हैं, वे सभी इंटरविनिंग पीरियड का पूरा वेतन पाने के हकदार हैं। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसे जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है।
Employees news- Full salary up to 65 to professors who retired at the age of 62: Supreme Court order
उल्लेखनीय है कि आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग ने 10 जून 2020 को एक आदेश जारी कर साल 2016 से 2018 के बीच का पूरा वेतन देने से इनकार कर दिया था। प्राध्यापकों को जबरदस्ती 62 साल की उम्र में रिटायर किया गया, जिसके कारण वे 65 साल की आयु पूरा होने तक सेवा से बाहर रहे। प्राध्यापकों ने सुप्रीम कोर्ट में भी SLP दायर की थी, जिसपर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 65 वर्ष तक सेवा में बने रहने के आदेश दिए थे। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.