जबलपुर। श्री संजीव शर्मा, व्यायाम शिक्षक, शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, सिंहपुर (आदिवासी विकास) जिला शहडोल में पदस्थ थे। श्री शर्मा का प्रशासनिक ट्रांसफर दिनाँक 27/08/2021 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिंहपुर से शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, बकहो, जिला शहडोल कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि स्थानांतरित विद्यालय बकहो में व्यायाम शिक्षक का पद स्वीकृत नही है। उपरोक्त आधार पर श्री शर्मा द्वारा सहायक आयुक्त आदिवासी, शहडोल को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर ट्रांसफर निरस्तीकरण की मांग की गई थी। अपितु कोई कार्यवाही नही की गई थी।
ट्रांसफर से पीड़ित होकर, श्री संजीव शर्मा द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट के समक्ष दलील दी गई थी, कि ट्रांसफर के पूर्व विभाग का दायित्व है कि स्वीकृत एवं रिक्त पद की जाँच ट्रांस्फर नीति के अनुसार करे। बिना स्वीकृत पद के कर्मचारी की जॉइनिंग विधि विरुद्ध है।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी, के तर्को को सुनने के बाद हाई कोर्ट जबलपुर ने, आदेश जारी किया था कि श्री शर्मा सहायक आयुक्त के माध्यम से आयुक्त आदिवासी विकास, सतपुड़ा भवन को अभ्यावेदन देंगें। आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल प्रकरण का निराकरण करेंगे। उपरोक्त अवधि में श्री संजीव शर्मा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिंहपुर में कार्य करेंगे एवम ट्रांसफर आदेश दिनाँक 27/08/2021 स्टे रहेगा।
श्री शर्मा द्वारा उच्च के आदेश दिनांक 29/10/21 के पालन में, आयुक्त आदिवासी विकास, भोपाली को अभ्यावेदन, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था। उल्लेखनीय है कि ट्रांसफर के निरस्तीकरण के संबंध में दिए गए आवेदन का निराकरण आयुक्त भोपाल को करना था। परंतु, दिनाँक 20/12/21 को सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास द्वारा श्री शर्मा के आवेदन को निरस्त कर, स्थानांतरित स्थान के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया था।
श्री शर्मा द्वारा, हाई कोर्ट जबलपुर के समक्ष पुनः सहायक आयुक्त के आदेश को चुनौती दी गई थी। उनकीं ओर से उपस्थित वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने हाई कोर्ट को बताया कि, कोर्ट के आदेशानुसार ट्रांसफर केस का निराकरण, आयुक्त, आदिवासी विकास भोपाल को करना था। अतः सहायक आयुक्त द्वारा प्रकरण का निराकरण कर, कर्मचारी को कार्यमुक्त किया जाना, विधि विरुद्ध, मनमाना, एवं अधिकारिता से परे है।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर की दलीलों को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय ने, आयुक्त आदिवासी विकास, भोपाल, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, शहडोल को नोटिस कर जबाब मांगा है एवं सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास शहडोल के आदेश दिनाँक 20/12/21 को स्टे कर दिया है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.