भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुरानी पेंशन के लिए अध्यापकों का प्रदर्शन एक बार फिर फेल हो गया। कुछ अध्यापक भोपाल तक आए परंतु बॉर्डर पर ही रोक लिए गए। अध्यापकों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई के लिए सरकार का विरोध प्रदर्शन किया और वापस अपने घरों को लौट गए। भोपाल पुलिस कमिश्नर कार्यालय से बताया गया कि किसी भी संगठन को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी।
मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन के लिए कई जिलों में प्रभावशाली प्रदर्शन किए जा रहे हैं, लेकिन राजधानी में लगातार दूसरी बार अध्यापकों के संगठनों का प्रदर्शन नहीं हो पाया। पिछली बार विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। कर्मचारी नेताओं में से किसी ने पुलिस को बताया कि 25,000 से अधिक कर्मचारी एकत्रित होने वाले हैं। जबकि पुलिस से मात्र 5000 कर्मचारियों की अनुमति ली गई थी। इस इंफॉर्मेशन के चलते पुलिस कमिश्नर ने प्रदर्शन की अनुमति निरस्त कर दी थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस बार अध्यापक संयुक्त मोर्चा नाम के संगठन ने अनुमति के लिए आवेदन किया था परंतु उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बावजूद प्रदर्शन का प्लान बनाकर कुछ कर्मचारियों ने राजधानी में घुसने की कोशिश की। उन्हें भोपाल की सीमाओं पर रोक लिया गया। कुछ कर्मचारी नेताओं को थाने में बिठाया गया और कुछ कर्मचारी नेता पुलिस को देखकर वापस लौट गए। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.