MP karmchari news- वोकेशनल ट्रेनर्स को किसी भी चयन प्रक्रिया में सम्मिलित नही होना पड़ेगा: हाईकोर्ट का आदेश

Bhopal Samachar
जबलपुर
। प्रकाश यादव, प्रदेशाध्यक्ष, व्यावसायिक ट्रेनर्स संघ, आराधना सिंह, प्रेम सिंह गुड़िया एवं कई अन्य वोकेशनल ट्रेनर्स 2016, 2017, 2018, 19, 20, से लगातार उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा देने का काम, कर रहे थे। कुछ ट्रेनर्स को आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा नियुक्ति प्राप्त हुई थी एवं कुछ लोग शाला प्रबंधन समिति के द्वारा नियुक्त किये गए थे। 

आदेश दिनांक 17/07/21 द्वारा आयुक्त लोकशिक्षण भोपाल द्वारा नवीन अनुबंधित सर्विस प्रोवाइडर्स को नवीन चयन करने का काम सौंपा गया था। तदानुसार, श्रीं प्रकाश यादव एवं अन्य की सेवाएं 15 अगस्त 2021 के बाद समाप्त करने के आदेश जारी कर नवीन चयन प्रक्रिया आरंभ की गई थी। कई सालो से कार्यरत VT को नवीन चयन प्रक्रिया में भाग लेने हेतु बाध्य किया गया था। 

आयुक्त लोकशिक्षण के आदेश को श्री प्रकाश यादव एवं अन्य द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट, जबलपुर ने अन्तरिम आदेश जारी करते हुए पूर्व से कार्यरत ट्रेनर्स को सेवा में बिना चयन प्रक्रिया के निरंतर रखने के आदेश दिये गए थे। वोकेशनल ट्रेनर्स की ओर से पैरोकार वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया की फाइनल बहस के दौरान कोर्ट को बताया कि पूर्व में आउटसोर्सिंग एजेंसी एवं शाला प्रबंधन समिति के दौरान ट्रेनर्स को विधिपूर्वक नियुक्त किया गया था। 

हर वर्ष, संविदा से संविदा को प्रतिस्थापित करना मनमाना एवं विधि विरुद्ध है। अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि चूँकि, वर्तमान वोकेशनल ट्रेनर्स संविदा पर नियुक्त है एवं विधिनुसार एक संविदा को उसी स्थान पर संविदा या एडहॉक नियुक्ति करके, सेवा से पृथक नही किया जा सकता है। आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया पारदर्शी नही है, उसमे भ्रष्टाचार एवं पक्षपात की संभावना है।

शासन से कोर्ट द्वारा पूंछा गया कि क्या वह अपने स्तर पर चयन प्रक्रिया आयोजित कर सकता है तो उत्तर दे, चूँकि एजेंसी द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया पर प्रश्न हैं। तब शासन द्वारा, कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर कर कहा गया कि शासन या एजेंसी वोकेशनल ट्रेनर्स की नियुक्ति के लिये किसी भी चयन प्रक्रिया का आयोजन नही करेगी। अपितु, बल्कि, पूर्व से कार्यरत ट्रेनर्स को, डीईओ की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष, पूर्व से कार्यरत वोकेशनल टीचर्स को, नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता एवम अनुभव के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। समिति डॉक्यूमेंटस का अनुवीक्षण जांच करेगी। उसके बाद,  ऐजेंसी द्वारा नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। लेकिन किसी भी प्रकार की परीक्षा से ट्रेनर्स को उन्मुक्ति रहेगी या परीक्षा नही देनी होगी। 

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के अनुसार,  एक संविदा नियुक्ति को दूसरी संविदा नियुक्ति करके पृथक नही किया जावे एवम शासन द्वारा दायर हलफनामा के आधार पर याचिकाओं को निराकरण मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली हाई कोर्ट जबलपुर की युगल पीठ ने कर दिया है।  निर्णय के अनुसार, वोकेशनल ट्रेनर्स बिना किसी चयन प्रक्रिया में शमिल हए, निरन्तर कार्यरत रहेंगे। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.

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