जबलपुर। रेलवे स्टेशन पर यात्री प्रतिक्षालय वैसे तो ट्रेन लेट होने या ट्रेन इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए होता है। ट्रेन के आगमन या प्रस्थान के 4 घंटे तक नि:शुल्क रहता है। इसके बाद घंटे के अनुसार एक न्यूनतम चार्ज लिया जाता है। रेलवे को हर वर्ष यहां सिविल कार्य, रख-रखाव, बिजली बिल आदि पर लाखों रुपए खर्च करने पड़ते है। जिससे बचने के लिए रेलवे ने आरओएमटी (रेनोवेशन, ऑपरेशन, मेंटेनेंस व ट्रांसफर) नीति के तहत जबलपुर, कटनी मुड़वारा, मैहर, सतना और रीवा स्टेशन के प्रतिक्षालयों को निजी हाथों में देने की तैयारी की है।
रेलवे पांच वर्षों के लिए निजी हाथों में देने जा रही रही है। रेलवे को उम्मीद है कि इससे यात्रियों को जहां बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। वहीं रेलवे को एक करोड़ 78 लाख 75 हजार रुपए की अतिरिक्त कमाई भी हो जाएगी। पश्चिम मध्य रेलवे की नई गैर-किराया राजस्व स्कीम के तहत ये प्रोजेक्ट लाया गया है। अभी रेलवे स्टेशन के प्रतिक्षालय का संचालन रेलवे की ओर से किया जाता है।
अब रेलवे इन प्रतिक्षालयों को निजी हाथाें में देने जा रही है। इसके एवज में जहां ठेके पर प्रतिक्षालय लेने वाली एजेंसी को रेनोवेशन के काम कराने होंगे। वहीं रख-रखाव और मेंटीनेंस की जवाबदारी भी संबंधित एजेंसी की होगी। साथ में तय राशि भी देनी होगी। पांच साल संचालन के बाद रेलवे को ट्रांसफर करना होगा। निजी हाथों में देने पर जहां खर्च बचेगा, वहीं अतिरिक्त कमाई होगी। पमरे ने आगे भी दूसरे रेलवे स्टेशन के प्रतिक्षालय को इसी तरह आरओएमटी नीति के तहत देने की तैयारी में जुटी है। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.