भोपाल। साध्वी उमा भारती को किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए। पहले शराबबंदी के मामले में काफी किरकिरी हो चुकी है और अब रायसेन के किले के मामले में। यदि उमा भारती अपने संकल्प पर अडिग रही तो आजीवन अन्य ग्रहण नहीं कर पाएंगी, क्योंकि केंद्र ने उनकी मांग ठुकरा दी है।
MP NEWS- कथावाचक प्रदीप मिश्रा और उमा भारती ने बिना जानकारी मुद्दा बनाया
मध्य प्रदेश के रायसेन के किले पर स्थित शिव मंदिर को मुद्दा बनाकर कथा वाचक प्रदीप मिश्रा और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वह शिव मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है और केंद्र सरकार के निर्देशों के कारण नियमित दर्शनों के लिए नहीं खोला जाता। कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने इसे मध्य प्रदेश का अयोध्या जैसा मुद्दा बनाने की कोशिश की और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नवरात्रि के बाद पहले सोमवार को मंदिर के द्वार पर जाकर संकल्प उठा लिया कि जब तक यह मंदिर नियमित रूप से नहीं खुलेगा तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगी।
रायसेन किले का शिव मंदिर- केंद्र ने उमा भारती की मांग ठुकराई
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अपनी भोपाल विजिट के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मां भारती की भावनाओं का सम्मान है, मगर इतिहास को बचा कर रखना होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम उस मंदिर को म्यूजियम बना सकते हैं लेकिन नियमित पूजा पाठ के लिए उसके ताले नहीं खोल सकते।
कुल मिलाकर उमा भारती की एक बार फिर से किरकिरी हो गई है। एक बार फिर उनकी पार्टी की सरकार ने उनकी मांग ठुकरा दी है। एक बार फिर उमा भारती अपनी ही पार्टी और अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़ी नजर आ रही हैं।
रायसेन में क़िले के शिव मंदिर खोलने की @umasribharti की अपील पर @M_Lekhi ने कहा उमा जी की भावनाओं का सम्मान है मगर इतिहास को बचाकर रखना होता है @ABPNews @pankajjha_ @vikasbha @awasthis #MadhayPradesh pic.twitter.com/N0WQx4bvB4
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) April 19, 2022