भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी हलचल तेज हो गई है। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले 2017 में दिग्विजय सिंह, पूरे मध्यप्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए यात्रा पर निकले थे। इस बार अरुण यादव निकल गए हैं। कोई घोषणा नहीं की गई है परंतु पिछले 7 दिनों की गतिविधियों पर नजर डालें तो स्पष्ट होता है कि अरुण यादव कांग्रेस पार्टी की एकता यात्रा पर हैं।
लंबे समय के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सुर्खियों में है। उनकी राजनीतिक जीवन में शायद पहली बार उन्हें मीडिया में इतना महत्व दिया जा रहा है। खंडवा के उपचुनाव में बार-बार बयान देने वाले अरुण यादव इस बार उस मुद्दे पर बिल्कुल चुप हैं, जिस पर उनके बयान का इंतजार किया जा रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस हाईकमान ने पहले दिग्विजय सिंह और फिर अरुण यादव को बुलाया था। कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं जिनमें से 2-3 गलत साबित हो चुके हैं।
फिलहाल यदि कयासों और मीडिया रिपोर्ट्स को किनारे करके केवल अरुण यादव की गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट होता है कि वह कांग्रेस पार्टी को एकजुट करने के काम में लगे हुए हैं। दिल्ली से लौटने के बाद वह लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। अब तो मध्य प्रदेश के दौरे पर निकल चुके हैं। इस समाचार के लिखे जाते समय टीकमगढ़ में थे। इससे पहले निवाड़ी और दतिया जिले की प्रत्येक विधानसभा में संपर्क कर चुके हैं।
दिल्ली से लौटने के बाद कमलनाथ, अरुण यादव को लेकर सलकनपुर बिजासन माता के दरबार में गए थे। कांग्रेस पार्टी की लगभग सभी महत्वपूर्ण बैठकों में अरुण यादव को सम्मान पूर्वक स्थान दिया गया। जबकि इससे पहले उन्हें सूचना तक नहीं दी जाती थी। दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह की बात करें तो वह केवल रणनीति पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की कमान उनके हाथ में नहीं है। वैसे कांग्रेस की राजनीति में रुचि रखने वालों को याद होगा, बधाई हो अरुण! मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.