भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने युवक कांग्रेस द्वारा आयोजित हल्ला बोल प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह ग्वालियर में प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने वह मुद्दे भी शेयर किए हैं जिन पर प्रदर्शन किया जा रहा है। हम दिग्विजय सिंह द्वारा बताए गए सभी मुद्दों को जैसा का तैसा प्रकाशित कर रहे हैं, पढ़िए:-
व्यापम घोटाला 2022- मंत्री को बर्खास्त करो, OSD की जांच करो
प्राइमरी टीचर वर्ग 3 की भर्ती का पेपर लीक हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री जी के ओएसडी और एक वर्तमान मंत्री की संलिप्तता पाई गई, जिनके साक्ष्य मौजूद हैं, उन पर कार्यवाही और पुनः परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ करने की मांग है।
- मुख्यमंत्री के ओएसडी का मोबाइल जब्त हो, जिससे स्क्रीनशॉट लिए गए हैं। - मंत्री गोविन्द राजपूत को बर्खास्त किया जाए, जिनके कॉलेज से पेपर लीक किए गए।
- पूरे प्रकरण की सीबीआई जाँच हो, क्योंकि यह 13 लाख युवाओं के भविष्य का सवाल है।
कृषि विस्तारक भर्ती- दोषियों को सजा दिलाओ
टॉप करने वाले छात्र जो कि अपना 4 वर्ष का कोर्स 6 सालों में पूरा कर पाए, और वही सारे छात्र 200 में से 198, 196,195,189 अंक लाए और सवाल पूछने पर जवाब नहीं दे पाए, हैरत की बात यह है कि सभी के उपनाम शर्मा थे और सभी ने ग्वालियर सेंटर से ही परीक्षा दी थी।
पुलिस आरक्षक परीक्षा घोटाला- कट ऑफ लिस्ट जारी करो
नॉरमलाईजेशन के बाद कट-ऑफ लिस्ट जारी नहीं की गई, 33% कोटे के वर्टीकल स्लैब का दुरुपयोग किया गया और महिलाओं को उसका लाभ नहीं मिला, 10% Ex-Serviceman का कोटा था, जिसमें एक भी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई और उस कोटे से आम लोगों की भर्ती की गई।
-जिन्हें सुबह योग्य बताया गया और शाम को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
पुलिस उप निरीक्षक (MPSI) भर्ती विज्ञापन जारी करो
गत 5 वर्षों से एमपीएसआई की भर्ती नहीं निकाली गई, जिसके चलते पिछले 5 वर्षों से तैयारी कर रहे युवा उम्रदराज भी हो गए और निराश भी हुए, जबकि प्रदेश के महानगरों में कमिश्नर प्रणाली लागू होने से अतिरिक्त बल की आवश्यकता बढ़ी है।
कोरोना योद्धाओं को नौकरी दो
पिछले 2 वर्षों में देश महामारी को झेल रहा था, तब जिन स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना योद्धा बताकर उनसे सेवाएं ली गई, आज काम निकल जाने के बाद उनकी सेवा का कोई सम्मान नहीं किया गया और पुनः बेरोजगार बना दिया गया।
सेना में संविदा भर्ती मंजूर नहीं
पिछले 3 वर्षों से सेना की कोई भर्ती नहीं निकाली गई है, जबकि सेना में इस वक्त 1.5 लाख से भी ज्यादा पद रिक्त हैं, अब सरकार सेना में संविदा के आधार पर नियुक्ति करने की बात कर रही है, जो पूर्णतः अनुचित है।
अतिथि विद्वानों को नियमित करो
अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का मामला पिछले पाँच वर्षों से लंबित है लेकिन लगातार धरने और आत्महत्याओं के दौर के बावजूद सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाओ
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित वेतनभोगी बनाने की मांग एवं कार्यकर्ता का मानदेय 25 हजार और सहायक का मानदेय 12,500 करने की मांग है।
MPPSC नियमित करो, निविदा की संख्या बढ़ाओ
मप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाएं इस वक्त 1 साल विलम्ब से चल रही हैं, जिससे नियमित तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को लगातार नुकसान हो रहा है। उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्यों में भी निविदा की संख्या 600 तक रहती है, जबकि मप्र में पहली बार 346 पद पर निविदा निकाली है, इससे पहले 150 से अधिक पदों पर निविदा नहीं निकाली गई, 2019 के प्रीलिम्स के केस का निर्णय आया है जिसमें पुनः परीक्षा कराए जाने का आदेश दिया गया है और 2015 की रूलबुक के अनुसार ही परीक्षाएं होनी चाहिए।
चयनित शिक्षक भर्ती- रिक्त पदों की संख्या बढ़ाओ
MPTET की भर्ती प्रक्रिया लगातार विलम्ब से चल रही है और जो परीक्षा हो भी जाती उनमें भी नियुक्ति होने में लगातार देरी की जा रही है, शिक्षक भर्ती में निविदा में संख्या बढ़ाए जाने की मांग करते हैं।
OBC की स्कॉलरशिप जारी करो
2018 के बाद से ही छात्रवृत्ति लगातार रोकी जाती रही है, पिछले 3 वर्षो से ओबीसी वर्ग की छात्रवृत्ति लगातार रोकी हुई है, गरीब वर्ग की शिक्षा का आधार उनकी छात्रवृत्ति है उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है।
1.5 लाख रिक्त पदों पर बैकलॉग भर्ती चाहिए
मध्यप्रदेश के अलग-अलग विभागों में बैकलॉग के लगभग 1.5 लाख पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार उन पदों पर भर्ती न निकालकर उन पदों पर रिटायर्ड लोगों को पुनः संविदा पर रखकर भरने का विचार कर रही है, जो कि हमारे युवा और बेरोजगार वर्ग के साथ अन्याय है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.