भोपाल। मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में तीसरी संतान वाले शिक्षकों के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई शुरू हो गई। विदिशा में इसके लिए 955 शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि निर्देशानुसार प्रक्रिया पूरी करके सभी मामले शासन के पास भेजे जाएंगे।
नियम क्या कहता है
मध्य प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है। इसके तहत 26 जनवरी 2001 के बाद यदि किसी कर्मचारी को तीसरी संतान होती है तो उसकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने सभी प्रकार की परीक्षा पास करके अपनी योग्यता प्रमाणित कर दी है, यदि तीन संतानों के माता-पिता हैं तो नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे। यह नियम सिविल सेवा (सेवाओं की सामान्य स्थिति) के साथ ही यह नियम उच्चतर न्यायिक सेवाओं पर भी लागू होता है।
तीसरी संतान मामले में सुप्रीम कोर्ट
मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि में भी यह कानून लागू है। सभी कानून राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए हैं। कुछ राज्यों में एक संतान वाले कर्मचारी को अतिरिक्त लाभ दिए जाते हैं। इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थी। कुछ याचिकाओं में नियमों को चुनौती दी गई और कुछ याचिकाओं में निवेदन किया गया था कि पूरे देश के लिए एक कानून होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट हुआ कि संविधान के 42 वें संशोधन सन 1976 में निर्धारित किया गया है कि सभी राज्य सरकारें जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिस्थिति के अनुसार कानून बना सकती हैं। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.