MP Specific Corrupt Practices Prevention Act,1982
यदि कोई ठेकेदार निर्माण कार्य में गड़बड़ी करता है, घटिया निर्माण करता है अथवा निर्माण के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ Mpscpp Act की धारा 4 के तहत FIR दर्ज की जाती है परंतु यदि कोई सुपरवाइजर अधिकारी भ्रष्टाचार करें तो उसके लिए एक अलग धारा में दंड का प्रावधान किया गया है।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 5 की परिभाषा:-
जो कोई व्यक्ति किसी निर्माण कार्य का भारसाधक अधिकारी (फील्ड ऑफिसर, सुपरवाइजर, निगरानी इंस्पेक्टर आदि) होगा जिसे या तो ठेकेदार द्वारा रखा गया हो या किसी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा। वह जानबूझकर कर किसी अधिकारी के निर्देशो, आदेशों की घोर अवहेलना करेगा या कार्य को जानबूझकर रोकेगा या किसी रिपोर्ट का लोप करेगा या भ्रष्ट उद्देश्य से किसी कार्य का दुष्प्रेरण करेगा एवं जानबूझकर कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता, मजबूती में कमी आए या निर्माण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला कोई कार्य करेगा वह उपर्युक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं, पुलिस अधिकारी आरोपी को बिना वारण्ट के गिरफ्तार करने की शक्ति रखता है【अधिनियम की धारा 39(1) के अनुसार】, लेकिन थाने में FIR करवाने से पूर्व राज्य सरकार या प्राधिकृत अधिकारी की मंजूरी (अनुमति) होना आवश्यक है। इन अपराधों की सुनवाई का अधिकार सत्र न्यायालय को है। सजा-इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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