ग्वालियर। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE), इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकंडरी एजुकेशन (ICSE) सहित मध्यप्रदेश बोर्ड (MP BOARD) से मान्यता प्राप्त विद्यालय अब आठवीं कक्षा तक प्रवेश के समय छात्रों का टेस्ट नहीं ले सकेंगे। यदि कोई भी स्कूल टेस्ट लेता है, तो उस पर पहली बार में 25 हजार और दूसरी बार ऐसा करता पाए जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
दरअसल, कई स्कूलों में टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान छात्रों को पढ़ाई में कमजोर बताकर प्रवेश नहीं दिया जाता है। इससे बच्चों और अभिभावकों पर मानसिक रूप से गलत असर पड़ता है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिले में कई CBSE स्कूल संचालक छात्रों को एडमिशन देने से पहले उनका टेस्ट लेते हैं। इस टेस्ट के दौरान बच्चों की बौद्धिक क्षमता को परखा जाता है, लेकिन यदि थोड़ी भी कमी रह जाए, तो एडमिशन देने से इनकार कर दिया जाता है। इससे छात्र और अभिभावक दोनों पर गलत असर पड़ता है।
अब स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई है और कई स्कूल संचालक टेस्ट लेकर एडमिशन दे रहे हैं। इस तरह की शिकायतें कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के संज्ञान में आई हैं। ऐसे में कलेक्टर ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के नियम 13(ख) का उल्लेख करते हुए आदेश जारी किया है कि यदि किसी भी स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चे के प्रवेश के समय टेस्ट लिया जाता है, तो पहली बार में 25 हजार और दूसरी बार में 50 हजार रुपए का जुर्माना स्कूल पर लगाया जाएगा। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी का कहना है कि स्कूल अब पहले आओ-पहले पाओ या लाटरी सिस्टम के आधार पर प्रवेश दे सकते हैं, लेकिन अब किसी भी स्थिति में छात्रों का टेस्ट नहीं लिया जा सकेगा। ऐसा करने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें