जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन के आदिवासी कल्याण विकास विभाग, सिवनी में पदस्थ असिस्टेंट कमिश्नर सत्येंद्र कुमार मरकाम को हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में नोटिस जारी करते हुए 3 सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की। यदि इस बार अनुशासनहीनता हुई तो हाई कोर्ट की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।
सिवनी आदिवासी स्कूल के 31 कर्मचारियों ने याचिका दाखिल की थी
हाई कोर्ट ने 9 फरवरी, 2022 को अपने फैसले में सहायक आयुक्त को निर्देश दिए थे कि याचिकाकर्ताओं को सामान्य प्रशासन विभाग के सात अक्टूबर, 2016 के परिपत्र के आधार पर नियमित वेतनमान का लाभ दें। आदेश का पालन नहीं होने पर चैन सिंह पड़वार, मिल्कू डहेरिया समेत सिवनी जिले में आदिवासी स्कूल व हास्टल में कार्यरत उक्त श्रेणी के 31 कर्मचारियों ने अवमानना याचिका दायर की है।
मध्यप्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के स्थाई कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का आदेश
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा, रामजी चौबे व प्रदीप यादव ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अधिकतर कर्मचारी 2003 के बाद से सेवारत हैं। मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने सात अक्टूबर 2016 में परिपत्र जारी कर चतुर्थ श्रेणी के स्थाई कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का लाभ देने का आदेश जारी किया था। इसी तारतम्य में छतरपुर जिले के कर्मियों को 20 जुलाई, 2021 के आदेश से उक्त लाभ दे दिया गया।
MP karmchari news- अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं किया
कर्मचारी संगठन ने इस मांग को लेकर 31 अगस्त, 2021 को सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। इसके बाद संगठन ने सिवनी कलेक्टर और विभाग के आयुक्त भोपाल को भी अभ्यावेदन पेश किया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं ने 17 एवं 23 फरवरी को पुन: विभाग को अभ्यावेदन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। लिहाजा, अवमानना याचिका दायर की गई। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचारों के लिए कृपया karmchari news पर क्लिक करें.