भोपाल। मध्य प्रदेश के 16 जिले ऐसे हैं जहां पर पत्नी को प्रताड़ित करने के लिए पति द्वारा अप्राकृतिक संबंध बनाए जाते हैं। पीड़ित महिलाओं ने उपरोक्त 16 जिलों में पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज कराए हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पिछले साल मध्यप्रदेश में भोपाल 07, इंदौर 03, ग्वालियर 08, जबलपुर 06, उज्जैन 02, विदिशा 02, बैतूल 01, रायसेन 01, नर्मदापुरम 03, निवाड़ी 01, सागर 02, कटनी 03, रीवा 01, नरसिंहपुर 03, बालाघाट 03, मंडला 01 मामले दर्ज किए गए। सभी मामलों में महिलाओं ने बताया कि उनके पति ने दहेज के लिए उन्हें प्रताड़ित किया और इसी प्रताड़ना के दौरान उन्हें अप्राकृतिक संबंध के लिए मजबूर किया।
कानून का दुरुपयोग कर रही हैं महिलाएं
भोपाल की वरिष्ठ पत्रकार सुनीता सक्सेना का मानना है कि महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही है। दहेज एक्ट के तहत दर्ज मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी इसलिए महिलाएं दहेज एक्ट के साथ आईपीसी की धारा 377 के तहत मामला दर्ज कराती हैं। धारा 377 में आजीवन कारावास का प्रावधान है। इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी करना अनिवार्य है। अपने पति को सलाखों के पीछे भेजने के लिए महिलाएं उन पर अप्राकृतिक संबंध बनाने का आरोप लगाती हैं।
मध्यप्रदेश में बिना मेडिकल के धारा 377 का मामला दर्ज नहीं होगा
मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ अप्राकृतिक संबंधों के मामले तेजी से बढ़ने के कारण महिला सुरक्षा शाखा ने अप्राकृतिक कृत्य की शिकायत करने वाली महिलाओं का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद ही एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं।