भोपाल। धनराजु एस संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने मध्यप्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि एपीसी तथा एमआरसी को किसी भी प्रकार का अतिरिक्त प्रभार ना दिया जाए। गुना, कटनी एवं अन्य जिलों में प्रभार दिया गया है। जिसे वापस किया जाए।
जिला शिक्षा केन्द्र में कार्यरत समग्र शिक्षा अभियान समावेशित शिक्षा (आईईडी) गतिविधियों का संचालन एपीसी (आईईडी) / प्रभारी आईईडी द्वारा किया जा रहा है। इसी प्रकार मोबाइल स्रोत सलाहकार (एमआरसी) द्वारा विकासखंड स्तर पर आईईडी गतिविधियों हेतु कार्यरत हैं। गुना, कटनी एवं अन्य कुछ जिलों से सूचना प्राप्त हुई है कि एपीसी (आईईडी) तथा एमआरसी को आईईडी के कार्यों के अतिरिक्त अन्य शाखाओं के भी कार्यों का प्रभार डीपीसी द्वारा दिया गया है जिसके कारण आईईडी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
चूंकि दिव्यांग बच्चों की समावेशित शिक्षा एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील गतिविधि है और इसके तहत शाला स्तर से जन शिक्षा केन्द्र एवं विकासखंड स्तर तक कार्यरत कर्मचारियों की जिम्मेदारी की मानीटरिंग की जाती है जबकि शाला एवं जनशिक्षा केन्द्र स्तर पर आईईडी के बहुत कम प्रशिक्षित शिक्षक कार्यरत है। ऐसी स्थिति में एपीसी (आईईडी) तथा एमआरसी को समावेशित शिक्षा के अतिरिक्त अन्य कार्यों की जिम्मदारी देने से वह इस महत्वपूर्ण गतिविधि को उचित प्रकार से सम्पन्न नहीं कर पाते हैं।
अतः अनुरोध है कि जिला शिक्षा केन्द्र में कार्यरत एपीसी(आईईडी) तथा विकासखंड स्तर पर कार्यरत एमआरसी को समावेशित शिक्षा के अतिरिक्त अन्य कार्यों की जिम्मदारी से मुक्त किए जाने हेतु, निर्देशित करने का कष्ट करें ताकि आपके जिले की आईईडी गतिविधियां बेहतर ढंग से संचालित हो।