BHOPAL में चल रहा था फर्जी मेडिकल कॉलेज, 200 लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र बांट दिए - NEWS TODAY

भोपाल
। मध्यप्रदेश में बाहरी राज्यों के उम्मीदवार केवल नौकरियां प्राप्त नहीं कर रहे बल्कि बाहरी राज्यों के जालसाज मध्यप्रदेश में फर्जी नियुक्ति पत्र भी बांट रहे हैं। बिहार के आशु कुमार पांडे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इंजीनियरिंग की डिग्री करने के बाद आशु ने दतिया मेडिकल कॉलेज का फर्जी ऑफिस खोल लिया था। पुलिस का दावा है कि 200 से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। 

पाण्डेय बॉयज होस्टल भोपाल का संचालक गिरफ्तार

एसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कोटरा सुल्तानाबाद कमला नगर में बॉयज होस्टल चलाने वाले आशु कुमार पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत 20 मई को मिली थी। मूलत: बिहार का रहने वाला आशु कंप्यूटर साइंस से बीई है। उस पर आरोप था कि उसने रिश्वत लेकर दतिया मेडिकल कॉलेज के नियुक्ति पत्र दिए जो फर्जी पाए गए। पांच दिन पहले टीम ने पाण्डेय बॉयज होस्टल के आफिस में फर्जी दस्तावेज के साथ उसे गिरफ्तार किया।

राजधानी के कई हाईप्रोफाइल लोगों से संबंध 

पुलिस का कहना है कि पूछताछ में आशु कुमार पांडे ने बताया कि वह कंप्यूटर से फर्जी तरीके से लेटर हेड तैयार कर लोगों से 3 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक लेता था। अब तक उसने 200 से ज्यादा लोगों से रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र बांटना बताया है। इसके अलावा उसके पास से करीब 400 लोगों के पत्र भी मिले हैं। जिन लोगों से वह पैसे लेने की फिराक में था। सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के कई हाईप्रोफाइल लोगों से उसके संबंध बन गए थे और वह जल्द ही एक अखबार लॉन्च करने वाला था।

अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया ऑफिस का पूरा सामान मिला

आशु के ऑफिस से शासकीय चिकित्सा कॉलेज दतिया के लेटर हेड पर विभिन्न पदों की नियुक्ति संबंधी आदेश, साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने के पत्र, नियुक्ति प्रमाण पत्र, फर्जी आई कार्ड जिनमें अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया मध्यप्रदेश की सील लगी हुई। 2 रजिस्टर व एक कंप्यूटर से निकल प्रिंट की सूची, 2 डेस्कटॉप कंप्यूटर मिले हैं।

उसने बताया कि वर्ष 2018-19 में दतिया मेडिकल कॉलेज में विभिन्न पदों पर लोवर ग्रेड क्लर्क, ड्राइवर पद, लाइब्रेरियन, सफाई कर्मी, लेब अटेंडेंट समेत कई पद निकले थे। वह चयनित उम्मीदवार के लिए फर्जी नियुक्ति आदेश, साक्षात्कार के लिए पत्र एवं नियुक्त प्रमाण पत्र बनाकर देता था। 

सबसे बड़ा सवाल 
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आरोपी ने पूरे मध्यप्रदेश में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज के सील एवं दस्तावेजों का उपयोग किया। वह अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया के स्थान पर अपने हस्ताक्षर करता था। क्या कारण था कि केवल अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया की सील एवं दस्तावेजों का उपयोग किया जा रहा था। कहीं कोई घोटाला तो नहीं।
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